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फरीदाबाद। शिक्षा का व्यवसायीकरण करके छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण करते आ रहे निजी स्कूल प्रबंधक , देश व समाज पर कोरोना वायरस के रूप में आई भयंकर विपता के समय भी लूटखसोट व मनमानी से बाज नहीं आ रहे है। स्कूल प्रबंधकों ने अभिभावकों के पास नोटिस भेजकर अप्रैल माह की फीस जमा कराने को कहा है । जबकि 14 अप्रैल तक स्कूल बंद है और कोई पढ़ाई भी शुरू नहीं हुई है। अभिभावक एकता मंच ने नोटिस की कॉपी को चेयरमैन
सीबीएसई, शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक हरियाणा को भेजकर ऐसे दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता रद्द करने की मांग की है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि मंच को कई अभिभावकों ने जानकारी दी है कि उनको स्कूल की तरफ से नोटिस भेज कर और कई स्कूलों ने फोन करके अप्रैल माह की फीस 20 अप्रैल तक जमा कराने को कहा है ।उसके बाद ₹50 पर डे के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। इतना ही नहीं स्कूल प्रबंधकों ने लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए शिक्षा सत्र 2020 21 मैं ट्यूशन फीस व अन्य अपनी मर्जी से बनाए गए गैरकानूनी फंडों में 30 से 50% तक की वृद्धि कर दी है। जो पूरी तरह से गलत व नियम विरुद्ध है। अभिभावक पहले से ही मंदी के शिकार है । उनकी जेब पर और अधिक आर्थिक बोझ डालना उनके साथ पूरी तरह से अन्याय है। मंच इस अन्याय को नहीं होने देगा। मंच ने अभिभावकों से भी कहा है कि वे जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के समय बनाई गई गाइडलाइंस ो का पूरी तरह से पालन करते हुए अपने घरों में ही रहे और स्कूलों के इस तरह के नोटिसो से न घबराएं और स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का डटकर विरोध करें।
सीबीएसई, शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक हरियाणा को भेजकर ऐसे दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता रद्द करने की मांग की है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि मंच को कई अभिभावकों ने जानकारी दी है कि उनको स्कूल की तरफ से नोटिस भेज कर और कई स्कूलों ने फोन करके अप्रैल माह की फीस 20 अप्रैल तक जमा कराने को कहा है ।उसके बाद ₹50 पर डे के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। इतना ही नहीं स्कूल प्रबंधकों ने लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए शिक्षा सत्र 2020 21 मैं ट्यूशन फीस व अन्य अपनी मर्जी से बनाए गए गैरकानूनी फंडों में 30 से 50% तक की वृद्धि कर दी है। जो पूरी तरह से गलत व नियम विरुद्ध है। अभिभावक पहले से ही मंदी के शिकार है । उनकी जेब पर और अधिक आर्थिक बोझ डालना उनके साथ पूरी तरह से अन्याय है। मंच इस अन्याय को नहीं होने देगा। मंच ने अभिभावकों से भी कहा है कि वे जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के समय बनाई गई गाइडलाइंस ो का पूरी तरह से पालन करते हुए अपने घरों में ही रहे और स्कूलों के इस तरह के नोटिसो से न घबराएं और स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का डटकर विरोध करें।
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