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फर्जी आई डी तैयार कर फाइनेंस करा कर वाहन को आगे बेचने वाले 3 आरोपियों को ने किया गिरफ्तार

Posted by : pramod goyal on : Monday, 24 February 2020 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद। सहायक पुलिस आयुक्त अपराध श्री अनिल यादव ने अपने कार्यालय सेक्टर 30 में प्रेस वार्ता के दौरान 3 फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर फाइनेंस कराने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में खुलासा किया है।
सहायक पुलिस उपायुक्त अपराध श्री अनिल यादव ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव को विशेष सूत्रों से सूचना मिली थी कि कुछ लोग फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर उन पर फाइनेंस करआते हैं और वाहनों को आगे बेच देते हैं।
जिस पर क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव प्रभारी एसआई जगमिंदर, एएसआई पवन कुमार, एच सी विनोद कुमार, एचसी सुभाष ने सूचना के आधार पर 3 आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।
उन्होंने बताया कि मृतक सतबीर उर्फ जीतू किसी सिक्योर्टी ऐजेन्सी मे काम करता था जहां से वह अन्य सिक्योर्टी गार्डो से तथा आरोपी लक्ष्मण व देवेन्द्र उर्फ देबू के जरिए एवं अन्य गरीब व मजदूर टाईप के लोगो से या फिर अपने जानकारो को लोन दिलाने के नाम पर बहला फुसलाकर या नौकरी दिलवाने का लालच देकर उनकी आई.डी. लेकर आते थे। इसके बाद इनका साथी आरोपी भूषण (जो आधार कार्ड बनाने का काम करता था) वह। सभी लाई गई आई.डी. पर अपने कम्प्यूटर से फोटोशाप सॉफ्टवेयर के जरीये अन्य लोगो के फोटो एडिटिंग करके लगा दिया करता था तथा जो आई.डी. आरोपियान असली प्रयोग करते थे उनका रिहायशी पता एडिंटिंग के जरिये या थम्ब इम्प्रेशन आधार कार्ड मशीन पर थम्ब इम्प्रेशन लगवाकर बिना रिहायशी सबूत के ही आरोपी भूषण पता बदल दिया करता था।इसके बाद मे आरोपियान उन फर्जी आई.डी. के आधार पर बैंक मे खाता खुलवा लिया करते थे। जिन बैंको मे मशीन से थम्ब इम्प्रेशन लिया जाता था आरोपियान उस बैंक मे खाता नही खुलवाते थे। आरोपीयान केवल उस बैंक मे ही खाता खुलवाते थे जिनमे बैंक कर्मी अपना टारगेट पूरा करने के चक्कर मे मैन्यूअल फार्म भरकर आई.डी. की फोटोप्रतिया लेकर खाता खोला जाता था।
फिर बैंक मे खाता खुलने के बाद बैंक से खाता नम्बर की चैक बुक जारी होने के बाद मे फर्जी कागजातो के आधार पर किसी भी फाईनैंस कम्पनी से वाहन खरीदकर उसकी किस्त नही भरते थे और उस वाहन को आगे बेचकर पैसे कमाते थे।
मृतक आरोपी सतबीर उर्फ जीतू ने फर्जी आई.डी. संजीव नाम से बनवाई हुई थी जिसमे सतबीर उर्फ जीतू का फोटो एडिटिंग करके लगवाया हुआ है तथा आरोपी लक्ष्मण ने अपनी फर्जी आई.डी. सुरेन्द्र के नाम से बनवाई हुई है जिसमे लक्ष्मण ने अपना फोटो एडिंटिंग के जरिये लगवाया हुआ है।  कुछ फर्जी आई.डी. जो आरोपी देवेन्द्र उर्फ देबू के द्वारा ब्रहमप्रकाश व कर्ण के नाम से भी तैयार कराई हुई थी जिन पर अन्य लोगो के फोटो एडिंटिंग करके लगवाये हुये है। आरोपी वाहनो को आगे बेचने के लिये अपनी जानकारी के गांवो मे अपने जानकार लोगो को विश्वास मे लेकर अच्छी कीमत एवं मार्केट रेट से सस्ते दामो मे बेच देते थे क्योकि गांव के लोगो को वाहनो का रजिस्ट्रेशन अपने नाम उतरवाने के लिये ज्यादा जागरूकता नही है इसलिये आरोपी इन वाहनो को गांव के लोगो को ही बेचते थे।
पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि हमारे द्वारा किये गये काम की जानकारी वाहन खरीदने वाले लोगो को नही होती थी।
प्रभारी क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव एसआई जगमिंदर ने बताया कि आरोपियान ने विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से फर्जी डॉक्यूमेंट पर कई वाहन फाइनेंस करा चुके हैं।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आरोपियों से फर्जी फाइनेंस की गई 4 बुलेट मोटरसाइकिल, 5 स्कूटी, 1 पल्सर, 1 सपलेनडर एवं 1 केटीएम मोटरसाइकिल,1 थंब इंप्रेशन आधार कार्ड मशीन,1लपटॉप,7 फर्जी आईडी, आधार कार्ड एवं अन्य बरामद की गई है।......आरोपी लक्ष्मण का पुलिस रिमांड पूरा होने पर आज कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है। बाकी अन्य दो आरोपी पुलिस रिमांड पर है।

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