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बुजुर्गों पेंशन की वृद्धि पर फैसला फिलहाल लटका.

Posted by : pramod goyal on : Friday, 13 December 2019 0 comments
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चंडीगढ़।  हरियाणा के बुजुर्गों और अन्य सामाजिक पेंशन लाभार्थियों को फिलहाल पुरानी पेंशन से ही गुजारा करना पड़ेगा। हर वर्ष की
खातों में पेंशन बढ़कर नहीं पहुंचेगी। बुजुर्गों और अन्य सामाजिक पेंशन लाभर्थियों को पुरानी पेंशन ही वितरित करने की प्रक्रिया शुरू  कर दी गई है और अगले आदेशों तक उन्हें पुरानी पेंशन राशि से ही गुजारा करना पड़ेगा। राज्य में 27,39,365 पेंशन लाभार्थी हैं, जिनमें करीब 16.55 लाख बुढ़ापा और लगभग 7.21 लाख बेसहारा विधवा पेंशन लाभार्थी हैं। जबकि शेष आठ वर्गों के सामाजिक पेंशन लाभार्थी हैं।
2014 में मनोहर सरकार-वन जब सत्ता में आई थी, तो ये वादा किया गया था कि बुढ़ापा व बेसहारा पेंशन एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपये प्रति माह की जाएगी। सरकार ने वादे के मुताबिक हर साल हरियाणा दिवस यानी एक नवंबर से 200 रुपये प्रतिवर्ष पेंशन वृद्धि शुरू कर दी। इससे पांच साल में पेंशन 2 हजार रुपये प्रतिमाह तक पहुंच गई। इस बार अक्टूबर 2019 को फिर से विधानसभा चुनाव हुए। भाजपा ने घोषणा पत्र में इस बार पेंशन दो हजार से बढ़ाकर 3100 रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया था।

यानी भाजपा सरकार बनने के बाद हर साल हरियाणा दिवस पर 200 रुपये पेंशन वृद्धि होनी तय थी। इस बार भाजपा का चुनावी गणित थोड़ा गड़बड़ा गया और भाजपा सत्ता में तो आई, मगर जननायक जनता पार्टी (जजपा) और निर्दलीय विधायकों के सहयोग के साथ। इसलिए अब भाजपा-जजपा-निर्दलीयों कीइस नई गठबंधन सरकार में पेंशन वृद्धि का मसला फिलहाल उलझा हुआ है, जिसके चलते इस बार हरियाणा दिवस पर होने वाली पेंशन वृद्धि नहीं हो पाई।

बुजुर्गों व अन्य सामाजिक पेंशन लाभार्थियों को आस थी कि नई गठबंधन सरकार आते ही इस बार भी एक नवंबर से उनकी पेंशन सम्मानजनक ढंग से बढ़ेगी और दिसंबर में देय उनके खाते में पेंशन की राशि बढ़कर आएगी। फिलहाल ऐसा नहीं होगा, हरियाणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने पेंशनधारकों के खाते में पुरानी पेंशन ही भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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