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फरीदाबाद, 17 सितम्बर - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद, जिसने 1969 में एक डिप्लोमा कॉलेज के रूप में शुरूआत की थी, ने अपनी स्थापना के 50 साल पूरे कर लिए हैं। जे.सी. बोस विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय के रूप में अपने 11वें स्थापना दिवस और एक शिक्षण संस्थान के रूप में 50 साल पूरे होने के उप
लक्ष्य में एक रंगारंग समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर नये विद्यार्थियों के लिए एक स्वागत समारोह भी आयोजन किया गया।
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति डॉ. राजेंद्रकुमार अनायत समारोह के मुख्य अतिथि थे। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की थी। कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नरेश चौहान की देखरेख में किया गया था, जिसका संचालन एवं समन्वयन डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सोनिया बंसल द्वारा किया गया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुद्रण तकनीक के प्रमुख अकादमीशियन डॉ. राजेंद्रकुमार ने विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा किए तथा उन्हें प्रेरित किया। डॉ. अनायत ने कहा कि लगभग 300 एकड़ भूमि पर फैले दीनबंधु छोटू राम विश्वविद्यालय की तुलना में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय जोकि केवल 20 एकड़ परिसर में स्थापित है, ने बहुत कम समय में काफी कुछ हासिल किया है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के पक्षधर रहे है और उनका मानना है कि राज्य के दोनों अग्रणी तकनीकी विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं गुणवत्ता को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो ताकि विद्यार्थियों को इसका लाभ पहुंचे।
लक्ष्य में एक रंगारंग समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर नये विद्यार्थियों के लिए एक स्वागत समारोह भी आयोजन किया गया।
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति डॉ. राजेंद्रकुमार अनायत समारोह के मुख्य अतिथि थे। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की थी। कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नरेश चौहान की देखरेख में किया गया था, जिसका संचालन एवं समन्वयन डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सोनिया बंसल द्वारा किया गया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुद्रण तकनीक के प्रमुख अकादमीशियन डॉ. राजेंद्रकुमार ने विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा किए तथा उन्हें प्रेरित किया। डॉ. अनायत ने कहा कि लगभग 300 एकड़ भूमि पर फैले दीनबंधु छोटू राम विश्वविद्यालय की तुलना में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय जोकि केवल 20 एकड़ परिसर में स्थापित है, ने बहुत कम समय में काफी कुछ हासिल किया है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के पक्षधर रहे है और उनका मानना है कि राज्य के दोनों अग्रणी तकनीकी विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं गुणवत्ता को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो ताकि विद्यार्थियों को इसका लाभ पहुंचे।
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