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फरीदाबाद। पुलिस कस्टडी में आरोपियों या मुकदमा दर्ज होंने वाले आरोपियों को क्यों नंगा रखा जाता है। इस पर नई किस्म की बहस शुरू हो गई है। पुलिस जब भी किसी संदिज्ध को आरोपी बनाती है तो उसे पुलिस की कस्टडी यानि लाकप में तबदील कर दिया जाता है। पुलिस ऐसे आरोपियों न केवल अन्य सामान को बहार जामातलाशी के रूप में बहार रखवा देती हँ, बल्कि बंद करने वाले लोगों के कपड़े भी उतरवा लिये जाते है। केवल अन्डर वियर ही उनके पास छोडा जाता है। इसके पिछे पुलिस का तर्क है कि कपडो के साथ आरोपी फांसी लगा सकते है। लेकिन पुलिस कर्मचारियां से लेकर अधिकारियों को यह मालूम ही नहीं है कि अन्डर वियर से भी आरोपी फंासी लगा सकते है। अगर पुलिस को इस पूरे मामले में इतनी ही सावधानी बरतनी है तो फिर लाकअप में बंद सभी आरोपियों की चड्डी व कच्छे भी उतरवा देने चाहिए ताकि किसी प्रकार की भ्रांति ही न रहें।
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