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रंग लाई एनएसयूआई की मेहनत, एमडीयू ने लिया अपना तुगलकी फरमान वापिस

Posted by : pramod goyal on : Monday, 15 July 2019 0 comments
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फरीदाबाद। एनएसयूआई फ़रीदाबाद के विरोध के चलते हुए फिर पांचवी बार एमडीयू ने छात्रों के समक्ष घुटने टेक दिए है। इस मौके पर छात्रों ने लड्डू बांटकर खुशी जाहिर की। इस कार्यक्रम का आयोजन एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री के नेतृत्व में किया गया।
इस दौरान एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव
कृष्ण अत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि तीसरे सेमेस्टर में दाखिला लेने के लिए पहले सेमेस्टर के 50 प्रतिशत विषय में पास होना तथा पांचवे सेमेस्टर में दाखिले लेने के लिए पहले सेमेस्टर के 100 प्रतिशत विषय में पास होना अनिवार्य का नियम एमडीयू ने इस वर्ष भी लागू किया था लेकिन एनएसयूआई के विरोध के बाद आज एमडीयू ने अपना यह नियम वापिस ले लिया।
गौरतलब है कि एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री के नेतृत्व में छात्रों ने एमडीयू के तुगलकी फरमान के खिलाफ बिगुल बजा दिया था। लगातार 10 दिन तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद आज एमडीयू ने अपना नियम वापिस ले लिया है। कृष्ण अत्री ने बताया कि पिछले कई दिनों से एनएसयूआई के बैनर तले  इस नियम के खिलाफ 5 जुलाई को शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का पुतला फूंक कर पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज के गेट पर प्रदर्शन किया था तथा 11 जुलाई को इस नियम के विरुद्ध हस्ताक्षर अभियान चलाया था तब जाकर आज एमडीयू ने छात्रों के  संघर्ष के समक्ष अपने घुटने टेके हैं। अत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राइवेट कॉलेज और सरकारी कॉलेजों के  छात्रों के साथ भेदभाव की नीति अपना रही है। सरकारी कॉलेजों में जहां एमडीयू के इस नियम का हवाला देते हुए छात्रों का एडमिशन नहीं लिया जा रहा था, वहीं प्राइवेट कॉलेजों में यह नियम देखनेको ही नहीं मिल रहा था। प्राइवेट कॉलेजों में छात्रों को एडमिशन शुरू से ही दिया जा रहा था।
अत्री ने बताया कि लगातार पांच वर्षों (2015, 2016, 2017, 2018, 2019) से एमडीयू एडमिशन के समय यह नियम लागू कर देती है लेकिन एनएसयूआई के विरोध के बाद हर वर्ष अपने इस नियम को वापिस ले लेती है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई छात्रों के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करती आई है और करती रहेगी। अत्री ने कहा कि एमडीयू के तुगलकी फरमान के खिलाफ एनएसयूआई 5 जुलाई से विरोध कर रही है और आज उन्हें इस मामले में सफलता मिली है। 

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