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नई दिल्ली:
कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी उनसे मध्यस्थता करने को नहीं कहा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अपनी ओर से दिए गए एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत सीमा पार से जारी आतंकवाद बंद होने के बाद, लाहौर घोषणापत्र और शिमला समझौते के अंतर्गत ही होगी. हालांकि विदेश मंत्री के बयान पर असंतोष जताते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में आकर स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया.
कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी उनसे मध्यस्थता करने को नहीं कहा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अपनी ओर से दिए गए एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत सीमा पार से जारी आतंकवाद बंद होने के बाद, लाहौर घोषणापत्र और शिमला समझौते के अंतर्गत ही होगी. हालांकि विदेश मंत्री के बयान पर असंतोष जताते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में आकर स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी देश को बताएं कि ट्रंप के साथ बैठक में क्या बातचीत हुई. राहुल ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को कहा था. अगर यह सच है तो पीएम मोदी ने 1972 के शिमला समझौते और भारत के हितों के साथ धोखा किया है. प्रधानमंत्री को राष्ट्र को बताना चाहिए कि ट्रंप और उनके बीच क्या बातचीत हुई थी.'

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