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लोगों
में माता-पिता के प्रति आदरभाव जगाने के लिए आज के युग में भी कुछ श्रवण
कुमार जिन्दा है जिसका जाता उदाहरण है पलवल जिले के गाँव फुलवारी निवासी
चार भाई जो अपने माता- पिता को इसलिए अपने कांधों पर हरिद्वार से गंगा
स्नान कराकर लाये है ताकि उन्हें देखकर कुछ लोग जो आज की इस भागदौड़ भरी
जिंदगी में अपने माता - पिता को भूलते जा रहे है वे अपने माँ बाप को उचित
सम्मान दे सकें !
दिखाई दे रहा ये नजारा बल्ल्भगढ़ बाईपास रोड का है जहां इन दिनों कावड़ियों का आवागमन लगा हुआ है इन्ही कावड़ियों में चार भाई ऐसे है जो बाबा भोले का अभिषेक करने के लिए गंगा से पवित्र जल लेकर नहीं आये बल्कि अपने माता पिता को ही गंगा स्नान कराकर लाये है हालांकि श्रवण बने इन भाइयों के माता - पिता हरिद्वार तक आने - जाने में असमर्थ नहीं है और खूब-चल फिर भी सकते है लेकिन इन लोगों का उद्देश्य महज इतना है की जहां आज के बागदौड भरी जिंदगी में लोग अपने माँ-बाप को नजर अंदाज करते जा रहे है जिसमे कई बार तो ऐसे मामले सामने आते है जिनमे लोग अ
पने माता-पिता को दरकिनार तक कर देते है ऐसे में इन लोगों का उद्देश्य मात्र ये है की उन्हें देखकर लोगों में कुछ जागरूकता आ सके और वे अपने माता- पिता को पूरा मानसम्मान दे सकें इन्ही में से एक बेटे की माने तो उन्होंने अपने ही पड़ौस में रहने वाले कुछ बूढ़े माता-पिता की दुर्दशा को देखकर ही मन बनाया की कुछ ऐसा किया जाए जिसे देखकर लोगों में माता पिता के प्रति आदर-भाव जाग सके उनकी माने तो पिछले साल भी वे पालकी में बैठाकर अपने माँ-बाप को गंगा स्नान कराकर लाये थे लेकिन इस बार उन्हें कई लोग ऐसे मिले जो अपने माता-पिता को पालकी से कांधों पर गंगा स्नान कराकर लाये है उनका कहना है की उन्हें लगता है की उनके ऐसा करने से लोगों में माँ-बाप के प्रति एक बार फिर से पुराना आदर-भाव जरूर जागेगा !
दिखाई दे रहा ये नजारा बल्ल्भगढ़ बाईपास रोड का है जहां इन दिनों कावड़ियों का आवागमन लगा हुआ है इन्ही कावड़ियों में चार भाई ऐसे है जो बाबा भोले का अभिषेक करने के लिए गंगा से पवित्र जल लेकर नहीं आये बल्कि अपने माता पिता को ही गंगा स्नान कराकर लाये है हालांकि श्रवण बने इन भाइयों के माता - पिता हरिद्वार तक आने - जाने में असमर्थ नहीं है और खूब-चल फिर भी सकते है लेकिन इन लोगों का उद्देश्य महज इतना है की जहां आज के बागदौड भरी जिंदगी में लोग अपने माँ-बाप को नजर अंदाज करते जा रहे है जिसमे कई बार तो ऐसे मामले सामने आते है जिनमे लोग अ
पने माता-पिता को दरकिनार तक कर देते है ऐसे में इन लोगों का उद्देश्य मात्र ये है की उन्हें देखकर लोगों में कुछ जागरूकता आ सके और वे अपने माता- पिता को पूरा मानसम्मान दे सकें इन्ही में से एक बेटे की माने तो उन्होंने अपने ही पड़ौस में रहने वाले कुछ बूढ़े माता-पिता की दुर्दशा को देखकर ही मन बनाया की कुछ ऐसा किया जाए जिसे देखकर लोगों में माता पिता के प्रति आदर-भाव जाग सके उनकी माने तो पिछले साल भी वे पालकी में बैठाकर अपने माँ-बाप को गंगा स्नान कराकर लाये थे लेकिन इस बार उन्हें कई लोग ऐसे मिले जो अपने माता-पिता को पालकी से कांधों पर गंगा स्नान कराकर लाये है उनका कहना है की उन्हें लगता है की उनके ऐसा करने से लोगों में माँ-बाप के प्रति एक बार फिर से पुराना आदर-भाव जरूर जागेगा !
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