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प्राइवेट स्कूल संचालकों ने लाभ में होते हुए भी पिछले 5 सालों में स्कूल फीस व फंडों में नाजायज वृद्धि की

Posted by : pramod goyal on : Sunday, 5 August 2018 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद 5 अगस्त। प्राइवेट
स्कूल संचालकों ने लाभ में होते हुए भी पिछले 5 सालों में स्कूल फीस व फंडों में नाजायज वृद्धि की है लाभ को कम दिखाने के लिए खर्चों में ऐसे मद डाले गए हैं जिन पर नियमानुसार खर्चा दिखाया ही नहीं जा सकता है यह खुलासा चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलर कमेटी गुड़गांव के आदेश पर फरीदाबाद के 16 स्कूलों की की गई ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है हरियाणा अभिभावक मंच की ओर से मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने एफएफआरसी गुड़गांव ऑफिस में आरटीआई लगाकर फरीदाबाद के 16 स्कूल डीएवी सेक्टर 14, गैन्ड कोलम्बस सेक्टर 16, एमवीएन 17 व अरावली हिल्स, एपीजे 15, डीपीएस सेक्टर 19 व ग्रेटर फरीदाबाद, मानव रचना सैक्टर 14 व चार्मवुड, रयान 21, विद्या मन्दिर सेक्टर 15, द्रोणाचार्य, आईष्य 46, जीवा 21, मार्डन 17 की आडिट रिर्पाट की कॉपी मांगी थी जो राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर करने के बाद प्राप्त हुई। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट षिव कुमार जोषी व सचिव डा0 मनोज षर्मा ने बताया है कि मंच के लिगल सैल ने ऑडिट रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह पाया कि ऑडिटर एसएस शर्मा एंड एसोषिएट ने डीएवी 14 व गै्रन्ड कोलम्बर 16 सहित सभी स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है कि ज्यादातर स्कूलों ने निर्धारित अवधि, प्रत्येक साल की 31 दिसंबर के बाद फार्म-6 जमा कराया है जो सरासर गलत है, जो स्कूल निर्धारित अवधि में फार्म-6 जमा नहीं कराते हैं वे आगामी सत्र में फीस बड़ा ही नहीं सकते हैं, दूसरा स्कूल प्रबंधक अप्रैल में शुरू होने वाले सत्र के लिए किए जाने वाले नए दाखिले में एडवांस के रुप में कोई फीस नहीं ले सकते हैं, जो उसको प्रबंधकों ने ली है। आय-व्यय के खर्चे में खर्च के कॉलम में ऐसे नाजायज मद पर खर्चा दिखाया गया है जो नियमों के अनुसार दिखाया नहीं जा सकता। ऐसा करके स्कूल प्रबंधकों ने अपने लाभ को कम दिखाने का प्रयास किया है। कई स्कूल प्रबंधको ने तो दो-दो नाम से रसीद बुक बनाकर उनसे अलग-अलग पैसा वसूला गया है। इसके अलावा शिक्षा सत्र 2012-13, 2013-14, 2015-16 में आय-व्यय में काफी अंतर मिला है। कई स्कूलों के चैयरमेन व उनकी पत्नी ने खर्चे मे मासिक 5-5 लाख तनख्वाह डाली हुई है। जो सोसाईटी ऐक्ट के नियम के खिलाफ है। मंच का लीगल सेल प्राप्त आडिट रिर्पाट का काफी बारीकी से अध्ययन कर रहा है और उसमें दिखाई गई कमियों को आधार बनाकर शीघ्र ही अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा हरियाणा सरकार के पास एक याचिका डाली जाएगी और उनसे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी, अगर वहां पर कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई तो फिर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी। मंच ने रविवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक आयोजित करके इस मामले पर गहन विचार विमर्श किया है और ताजे मामले में फरीदाबाद के दोनों स्कूल संचालक डीएवी व गै्रन्ड कोलम्बर से कहा है कि वे षीघ्र ही पढ़ाई से वंचित किये गये बच्चों को अपने स्कूल में पुनः प्रवेष देकर उनकी पढ़ाई षुरू कराये। फीस का मामला उनके अभिभावकां के साथ रखे, बच्चों को मौहरा न बनाए और उनके छुटे हुये कोर्स को पूरा कराएं और ऐसा ना होने पर मंच आगे इन दोनों के खिलाफ अपनी ओर से कार्रवाई करेगा।

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