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नई दिल्ली: सरकारी कंपनियों की हालत पर कैग(CAG) की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. बीमार चल रहे अधिकांश उपक्रमों (पीएसयू) में देश का हजारों करोड़ रुपये डूब रहा है. केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले ये सार्वजनिक उपक्रम लगातार बदहाली की नई पटकथा लिख रहे हैं. आप जानकर चौंक जाएंगे कि देश की सरकारी कंपनियों के घाटे का आंकड़ा रिकॉर्ड एक लाख करोड़ को भी पार कर गया है. मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार में ही हर साल 30 हजार करोड़ का कंपनियों को घाटा हुआ है. देश की सबसे बड़ी ऑडिट एजेंसी कैग की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ है. बीते दिनों संसद के मानसून सत्र में पेश हुई इस रिपोर्ट से पता चलता है कि किस कदर खराब प्रबंधन के कारण सार्वजनिक उपक्रम बंदी के कगार पर पहुंच रहे हैं. बता दें, जिन कंपनियों की पूंजी में केंद्र या राज्य की 51 प्रतिशत या इससे अधिक हिस्सेदारी होती है, उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या पीएसयू कहते हैं.
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