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फरीदाबाद 26 जुलाई हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मेकेनिकल वर्कर्स यूनियन के बैनर तले सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने लंबित मांगों की प्राप्ति के लिए काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट किया। सैकड़ों कर्मचारी ने गेट मीटिंग में भाग लेकर आगामी 5 अगस्त को मुख्यमंत्री के करनाल आवास पर प्रदर्शन के कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लेने का संकल्प लिया। गेट मीटिंग की अध्यक्षता वरिष्ठ उपप्रधान अतर सिंह ने की जबकि संचालन ग्राम सचिव जितेंद्र भड़ाना ने किया। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रांतीय प्रधान वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि सरकार सिंचाई विभाग के आकार को घटा रही है नए पद सृजित करने के बजाए पहले से मंजूरशुदा पदों को समाप्त कर रही है नहरों, तथा पंप हाउस
पर कर्मचारी नहीं है जबकि सरकार नेहरू के अंतिम तेल तक पानी पहुंचाने की बात करती है लेकिन इस कार्य के लिए कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा रही है सरकार ने वर्ष 2001 में सिंचाई विभाग के 7000 पदों को समाप्त कर दिया विभाग में बेलदारों पंप ऑपरेटर फिटर टर्नर वेल्डर ग्रीसर, इलेक्ट्रीशियन चार्ज मैन फोरमैन का भारी संकट बना हुआ है पंप हाउस ऊपर कर्मचारियों के अभाव में वीरानी छाई रहती है रात को चौकीदार तक नहीं है आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी भर्ती किए जा रहे हैं लेकिन इनको उचित वेतनमान, ईएसआई तथा जीवन बीमा का लाभ प्रदान नहीं किया था जबकि सरकार ठेकेदार को इस के लिए धनराशि आवंटित करती हैं लेकिन ठेकेदार किसी भी कर्मचारी के खाते मे धनराशि नहीं डालते हैं अधिकारी विभाग के कार्यों में रुचि नहीं लेते जिसकी वजह से नेहरू की सफाई व्यवस्था चरमरा रही है अधिकारियों के ढुलमुल रवैया की वजह से ठेकेदार कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने में लापरवाही करते है निर्माण कार्यों पर घटिया सामग्री लगाई जाती हैं डंग वाल ने बताया कि विभाग के वर्क शॉप बंद होने के कगार पर हैं क्योंकि इनको चलाने के लिए अधिकारी कोई इंतजाम नहीं करते हैं सभी प्रकार की मशीन की रिपेयरिंग खुले बाजार से करवाई जाती है जिसके कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है उन्होंने सरकार से विभाग की कर्म शालाओं को पुनर्जीवित करने की मांग की। आज के प्रदर्शन को चेयरमैन हुकुमचंद, रमेश वर्मा, लिपिक एसोसिएशन के प्रधान नरेंद्र नागर सचिव हरीश नागपाल वित्त सचिव पूर्ण दहिया, मेकेनिकल ब्रांच के प्रधान भूप सिंह, जगदीश चंद्र इत्यादि ने भी संबोधित किया।
पर कर्मचारी नहीं है जबकि सरकार नेहरू के अंतिम तेल तक पानी पहुंचाने की बात करती है लेकिन इस कार्य के लिए कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा रही है सरकार ने वर्ष 2001 में सिंचाई विभाग के 7000 पदों को समाप्त कर दिया विभाग में बेलदारों पंप ऑपरेटर फिटर टर्नर वेल्डर ग्रीसर, इलेक्ट्रीशियन चार्ज मैन फोरमैन का भारी संकट बना हुआ है पंप हाउस ऊपर कर्मचारियों के अभाव में वीरानी छाई रहती है रात को चौकीदार तक नहीं है आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी भर्ती किए जा रहे हैं लेकिन इनको उचित वेतनमान, ईएसआई तथा जीवन बीमा का लाभ प्रदान नहीं किया था जबकि सरकार ठेकेदार को इस के लिए धनराशि आवंटित करती हैं लेकिन ठेकेदार किसी भी कर्मचारी के खाते मे धनराशि नहीं डालते हैं अधिकारी विभाग के कार्यों में रुचि नहीं लेते जिसकी वजह से नेहरू की सफाई व्यवस्था चरमरा रही है अधिकारियों के ढुलमुल रवैया की वजह से ठेकेदार कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने में लापरवाही करते है निर्माण कार्यों पर घटिया सामग्री लगाई जाती हैं डंग वाल ने बताया कि विभाग के वर्क शॉप बंद होने के कगार पर हैं क्योंकि इनको चलाने के लिए अधिकारी कोई इंतजाम नहीं करते हैं सभी प्रकार की मशीन की रिपेयरिंग खुले बाजार से करवाई जाती है जिसके कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है उन्होंने सरकार से विभाग की कर्म शालाओं को पुनर्जीवित करने की मांग की। आज के प्रदर्शन को चेयरमैन हुकुमचंद, रमेश वर्मा, लिपिक एसोसिएशन के प्रधान नरेंद्र नागर सचिव हरीश नागपाल वित्त सचिव पूर्ण दहिया, मेकेनिकल ब्रांच के प्रधान भूप सिंह, जगदीश चंद्र इत्यादि ने भी संबोधित किया।
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