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फरीदाबाद, 24 जुलाई, 2018: सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) के कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट ने यातायात प्रबंधन में एशिया का पहला स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम मास्टर्स ऑफ साइंस (एमएससी) शुरू
किया है। दो वर्ष के इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को यातायात एवं
परिवहन प्रबंधन प्रणलियां संभालने तथा उन्हें डिजाइन करने के गुर सिखाए
जाएंगे।
दो वर्ष का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम परिवहन एवं यातायात इंजीनियरिंग, चालक प्रशिक्षण एवं फ्लीट प्रबंधन, सड़क सुरक्षा ऑडिट, सड़क दुर्घटना जांच (रोड क्रैश इन्वेस्टिगेशंस), यातायात इंजीनियरिंग, फोरेंसिक इंजीनियरिंग, रोड असिस्ट फाइनैंसिंग और दुर्घटना के बाद प्रबंधन (पोस्ट-क्रैश मैनेजेंट) सिखाएगा।
सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) के अध्यक्ष डॉ. रोहित बलूजा ने कहा, “भारत समेत पूरी दुनिया में यातायात की भीड़, सुर
क्षा, शहरों में रहने लायक स्थिति, पर्यावरणीय
प्रभाव एवं परिवहन परिचलान की प्रभावशीलता रोजमर्रा की समस्याएं हैं।
परिवहन एवं यातायात प्रणालियों पर समुदाय को बेहतर आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय परिणाम देने का दबाव है, इसलिए इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम पेशेवरों की मांग बढ़ रही है।”डॉ. बलूजा ने बताया, “आईआरटीई ने यातायात एवं परिवहन प्रबंधन के क्षेत्र में ‘श्रमबल क्षमता निर्माण’ की दिशा में पहला बड़ा कदम उठा लिया है। आईआरटीई के कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट द्वारा अगस्त, 2018 से आरंभ किए जा रहे यातायात प्रबंधन में दुनिया के पहले मास्टर्स ऑफ साइंस पाठ्यक्रम को हरियाणा सरकार और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) से मान्यता मिली है। पहले से कार्यरत प्रतिभागियों एवं दक्षिण पूर्व एशिया के छात्रों के लिए अधिकतम 30 सीटें हैं।”
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