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फिल्म पदमावती के विरोध में अधिवक्तागणो ने प्रदेश में फिल्म को रिलिज ना होने देने की हरियाणा सरकार से मांग की
अधिवक्ताओ ने आज लघुसचिवालय पर उपायुक्त महोदय को मुख्यमन्त्री के नाम हरियाणा प्रदेश में फिल्म पदमावती को रिलिज ना किये जाने के बारे ज्ञापन सौपा, बार कॉउसिल पंजाब एण्ड हरियाणा अनुसासन व निगरानी कमैटी के मनोनित सदस्य शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट ने कहा कि कुछ विकृत सोच के लोग निजि स्वार्थ व लोभ के कारण बार-बार हिन्दु इतिहास व भारतीय संस्कृति से छेड छाड कर रहे है। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली के खिलाफघ्कानूनी कार्यवाही की जाए। संजय लीला भंसाली ने माता पदमावती के पवित्र इतिहास से छेड छाड कर पैसे की लालच में फिल्म बना दी जो बिल्कुल अनुचित है व भारत के इतिहास के खिलाफ है। वरिष्ठ अधिवक्ता कुवंर दलपत सिंह फिल्म को बना कर भंसाली ने भारतीय संस्कृति पहलुओ का हनन करने का प्रयास किया हैघ्जो बरर्दास करने योग्य नही है। इसका अधिवक्तागण समस्त हिन्दु समाज पूर्ण रूप से बहिस्कार करता है। भंसाली को इतिहास के बारे में ज्ञान नही है कि रानी पदमावती ने सौलह हजार स्त्रियो के साथ जौहर किया था इतिहास इस बात का गवाह है। जिला बार एसोसिएसन के माहसचिव सतबीर शर्माइा्रे कहा कि इस फिल्म को रिलिज किया गया तो अधिवक्तागण इसे भारत के इतिहास के खलाफ मानेगेे। प्रदेश सरकार को तुरन्त ऐसी फिल्म को रिलिज नही होने देना चाहिए और तुरन्त पाबन्दी लगा देनी चाहिए। इस फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने इतिहास के साथ छेड़ छाड़ की हैघ्इसे भारत के स्र्वणिम इतिहास का ज्ञान नही है। इस मौके पर सतीश चौहान, सुरेन्द्र शर्मा, गिर्राज अवदेश अनिल तोमर संजय दीक्षित प्रेम चन्द हरि राम मुकेश शर्मा विजय यादव सतपाल नागर कुलदीप जोशी पवन कौशिक अफाक खान कमल भाटी बिल्लू धनकड सोनू भारद्वाज विपिन वर्मा सोनू सुमन नरेन्द्र सूरज अवदेश महेन्द्र आदि मौजूद थे
अधिवक्ताओ ने आज लघुसचिवालय पर उपायुक्त महोदय को मुख्यमन्त्री के नाम हरियाणा प्रदेश में फिल्म पदमावती को रिलिज ना किये जाने के बारे ज्ञापन सौपा, बार कॉउसिल पंजाब एण्ड हरियाणा अनुसासन व निगरानी कमैटी के मनोनित सदस्य शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट ने कहा कि कुछ विकृत सोच के लोग निजि स्वार्थ व लोभ के कारण बार-बार हिन्दु इतिहास व भारतीय संस्कृति से छेड छाड कर रहे है। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली के खिलाफघ्कानूनी कार्यवाही की जाए। संजय लीला भंसाली ने माता पदमावती के पवित्र इतिहास से छेड छाड कर पैसे की लालच में फिल्म बना दी जो बिल्कुल अनुचित है व भारत के इतिहास के खिलाफ है। वरिष्ठ अधिवक्ता कुवंर दलपत सिंह फिल्म को बना कर भंसाली ने भारतीय संस्कृति पहलुओ का हनन करने का प्रयास किया हैघ्जो बरर्दास करने योग्य नही है। इसका अधिवक्तागण समस्त हिन्दु समाज पूर्ण रूप से बहिस्कार करता है। भंसाली को इतिहास के बारे में ज्ञान नही है कि रानी पदमावती ने सौलह हजार स्त्रियो के साथ जौहर किया था इतिहास इस बात का गवाह है। जिला बार एसोसिएसन के माहसचिव सतबीर शर्माइा्रे कहा कि इस फिल्म को रिलिज किया गया तो अधिवक्तागण इसे भारत के इतिहास के खलाफ मानेगेे। प्रदेश सरकार को तुरन्त ऐसी फिल्म को रिलिज नही होने देना चाहिए और तुरन्त पाबन्दी लगा देनी चाहिए। इस फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने इतिहास के साथ छेड़ छाड़ की हैघ्इसे भारत के स्र्वणिम इतिहास का ज्ञान नही है। इस मौके पर सतीश चौहान, सुरेन्द्र शर्मा, गिर्राज अवदेश अनिल तोमर संजय दीक्षित प्रेम चन्द हरि राम मुकेश शर्मा विजय यादव सतपाल नागर कुलदीप जोशी पवन कौशिक अफाक खान कमल भाटी बिल्लू धनकड सोनू भारद्वाज विपिन वर्मा सोनू सुमन नरेन्द्र सूरज अवदेश महेन्द्र आदि मौजूद थे
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