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सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) आधारित पेंशन योजना के
तहत अपने अंशधारकों को नियोक्ताओं के अनिवार्य योगदान के अलावा पेंशन
योजना में स्वैच्छिक योगदान की इजाजत दे सकती है. इसके बाद कर्मचारियों को
सेवानिवृत्ति के बाद अपेक्षाकृत और अधिक पेंशन का लाभ मिल सकेगा.
फिलहाल मूल वेतन और महंगाई भत्ते को मिलाकर अधिकतम 15,000 रुपये मासिक वेतन पर पेंशन कोष के अंशदानकी कटौती की जाती है. भले ही कर्मचारी का वेतन इससे ऊपर क्यों न हो. केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त डॉ. वीपी जॉय ने कहा, ‘हम ईपीएस 95 के तहत कर्मचारियों को योगदान देने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, ताकि उसे सेवानिवृत्ति के बाद अधिक लाभ मिल सके.’
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