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बिजली निगमों में लागु की जा रही निजीकरण के कारण सैकड़ों ठेका कर्मचारी मौत के मुंह में जा चुके हैं- लाम्बा

Posted by : pramod goyal on : Thursday, 16 June 2016 0 comments
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फरीदाबाद। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव व हरियाणा ज्वाईट एक्शन कमेटी पावर के सदस्य सुभाष लाम्बा ने आरोप लगाया की बिजली निगमों में लागु की जा रही निजीकरण  की नीतियों के कारण सैकड़ों ठेका कर्मचारी मौत के मुंह में जा चुके हैं। हजारों अपंगता की जिंदगी जिने को  मजबूर है। सरकार व बिजली निगम इस हत्थे को बन्द करने की बजाए निजीकरण  को ओर तेजी से लागू करते हुए प्रदेश के गरीब नौजवानों को मौत के मुहं में धकेलने के लिए २३ सब डिवीजनों के कार्यों को निजी हाथों में देने के लिए आमादा हैं। उन्होने ये आरोप सर्व कर्मचारी संघ के जिला कार्यालय बी.के.चौक पर प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए लगाये। उनके साथ संघ के वरिष्ठ उप प्रधान नरेशाकुमार शास्त्री,जिला प्रधान अशोक कुमार व जिला सचिव युद्धवीर सिंह खत्री भी मौजूद थे। 
                    इस अवसर पर मौजूदा चालू लाइनों पर काम करने से अपंग हुए सहायक लाइनमैन शिवकुमार,राजबीर,रोहतासव जगदीश चन्द  ने अपना  अपंग होने का दुख भी पत्रकारों के साथ सांझा किया और
               सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लाम्बा व वरिष्ठ उप प्रधान नरेश शास्त्री ने  कहा की बिजली कर्मचारियों की २९-३० जून को होने वाली हड़ताल में सर्व कर्मचारी संघ व हरियाणा कर्मचारी महासंघ भी बिजली कर्मचारियों की हड़ताल में कूद गया है। प्रदेश के सभी विभागों में २३-२४ जून को गेट मीटिंग करके विरोध प्रदर्शन किये जाएगें। २७ जून को सत्ता के नशे में मदहोश भाजपा सरकार को जगाने के लिए सांय काल बाजारों में मशाल जलूस निकाले जाएगें।इसके बाद भी सरकार ने वार्ता से हल नहीं निकाला तो २९-३० की हड़ताल में सभी विभागों में कर्मचारी  व ट्रेड यूनियनों से सम्बन्धित उद्योगों के मजदूर भी एकजुटता दिखते हुए विरोध कार्यवाही करते हुए प्रदर्शन करेगें। इसके बाद भी सरकार ने वार्ता करके हल नही निकला तो बड़े आन्दोलन की घोषणा की जाएगी।
                                   


उनकी अपंगता के लिए विभाग में निजीकरण के तहत खिची गई लाईनों को  ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होने बताया कि निजी ठेकेदारों द्वारा खिंची गई लाईने एक दूसरे को क्रास कर रही हैं तथा उनका वाया काभी कम है,जो हवा चलने व कोई पक्षी बैठने पर एक दूसरे को टच हो जाती हैंऔर दूसरी लाइन में करन्ट आ जाता है, जिसके कारण  उस समय लाईन बन्द करवा के काम कर रहे कर्मचारी को करन्ट लगता है और वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।लालच के वशीभूत ठेकेदार नियमों के विरूध कार्य कर रहें और दुर्घटनाऐुं लगातार बढ रही हैं। सरकार मारे गये बिजली कर्मचारियों के आश्रितों को न ही नौकरी दे रही है और न ही अपंग हुए कर्मचारियों  को कोइ मुवावजा दे रही है। यहां तक की दुर्घटना ग्रस्त कर्मचारी अपनी जमीन व जेवर बेच कर इलाज करवा रहेै। प्रदेश में लगभग १५० कर्मचारी मौत के मंह में जा चुके  हैं।

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