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बर्खास्त पीटीआई ने काली पट्टियां बांध कर डीसी आफिस के बाहर काले झंडों के साथ प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 2 June 2021 0 comments
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 फरीदाबाद


। बर्खास्तगी के एक साल पूरा होने पर बर्खास्त पीटीआई ने मंगलवार को काली पट्टियां बांध कर डीसी आफिस के बाहर काले झंडों के साथ प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाया। प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीआरओ विजय सिंह यादव को सौंपा गया। ज्ञापन में मुख्यमंत्री को उनके द्वारा किए वादे को स्मरण करवाते हुए बिना किसी देरी के बर्खास्त पीटीआई को शिक्षा विभाग में नए सृजित स्पेशल स्कूल स्पोर्ट्स असिस्टेंट के पदों पर समायोजित करने और मृतक पीटीआई की विधवाओं की बंद की गई एक्स ग्रेसिया मासिक वित्तीय सहायता बहाल करने की मांग की गई। शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति के जिला प्रधान बृजेश नागर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा,खंड प्रधान करतार सिंह, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य आडिटर राज सिंह, जिला प्रधान भीम सिंह, नरेंद्र कुमार डीपीई, हुड्डा जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन के सर्कल प्रधान चोधरी खुर्शिद अहमद,आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के ग्रेटर फरीदाबाद यूनिट के प्रधान दिनेश शर्मा ने प्रदर्शन में शामिल होकर अपने संगठनों की ओर से समर्थन किया और सरकार से वादा पूरा करते हुए बर्खास्त पीटीआई को समायोजित करने की मांग की। शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति हरियाणा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य रामधन बघेल,जिला प्रधान बृजेश नागर व संतोष चपराना ने बर्खास्त पीटीआई को संबोधित करते हुए नौकरी बहाली तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। उन्होंने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ द्वारा आंदोलन को लगातार दिए जा रहे सहयोग एवं समर्थन के लिए आभार प्रकट किया। प्रदर्शन में अनीता देवी व सुशीला रानी भी मौजूद थे।


सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बर्खास्त पीटीआई को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के चलते 1606 बर्खास्त पीटीआई के परिवार आज भूखमरी के कागार पर आ गए हैं। ट्यूशन फीस न भर पाने से बच्चों के स्कूलों से नाम कट चुके हैं और दुकानदारों ने अब उधार में राशन देना बंद कर दिया है। जानलेवा बिमारी के ग्रस्त 42 पीटीआई दवाईयां न खरीद पाने से जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं। कर्जे की किस्त जमा न हो पाने के कारण बैंकों द्वारा बनाए जा रहे दबाव से बर्खास्त पीटीआई पर मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। परिवार के सामने भूखा मरने की नौबत आ जाने के चलते असाहय बर्खास्त पीटीआई पर मानसिक तनाव तेजी से बढ़ रहा है। जिसके कारण अब तक 17 बर्खास्त पीटीआई हर्ट अटैक से मौत के मुंह में जा चुके हैं।
 कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बृजेश नागर ,राज्य कार्यकारिणी सदस्य रामधन बघेल, अनीता देवी व सुशीला रानी ने कहा कि सरकार द्वारा रिक्त पदों बारे माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दी गई गलत जानकारी के कारण माननीय सर्वोच्च कोर्ट द्वारा भर्ती रद्द करने के आदेश के उपरांत शिक्षा विभाग ने दस साल की संतोषजनक सेवा पूरी कर चुके 1829 पीटीआई को 2 जून,2020 को बर्खास्त कर दिया था। लंबे आंदोलन के बाद बरोदा उप चुनाव से पहले बर्खास्त पीटीआई के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री के साथ चंडीगढ़ में उनके आवास पर मुलाकात हुई। इस मुलाकात में सीएम ने कहा कि बर्खास्त पीटीआई निर्दोष है, इसलिए आपके चूल्हे ठंडे नहीं होने दिए जाएंगे। सरकार ने बर्खास्त पीटीआई को शिक्षा विभाग में स्पेशल स्कूल स्पोर्ट्स असिस्टेंट पदों पर समायोजित करने के लिए आश्वासन दिया गया था। मीटिंग में विधवाओं की बंद की गई एक्स ग्रेसिया मासिक वित्तीय सहायता को भी जारी रखने का आश्वासन दिया गया। लेकिन 8 महीने बीत जाने के बावजूद सरकार ने अपने वादे को पूरा नहीं किया। जिसके कारण बर्खास्त पीटीआई के परिवार भूखमरी के कागार पर आ चुके हैं। 
उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी संवेदनाओं को तिलांजलि देते हुए दस सालों में मृत्यु हुए 52 पीटीआई की विधवाओं को मिल रही एक्स ग्रेसिया मासिक वित्तीय सहायता तक को बंद कर उनके परिजनों को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में 57 उम्मीदवार ऐसे थे,जो दूसरे विभागों से स्थाई नौकरी से त्याग पत्र देकर पीटीआई लगे थे। बर्खास्त पीटीआई में 45 एक्स सर्विस मेन है, जिसमें शौर्य चक्र विजेता दिलबाग जाखड़ भी शामिल हैं। इस भर्ती में चयनित 29 महिला उम्मीदवार विधवा हो चुकी है। उनका रोजगार चले जाने की वजह से उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है। सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ बर्खास्त पीटीआई व उनके परिजनों सहित सभी विभागों के कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है।

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