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कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल बंद हैं और अध्यापकों की 31 मई तक छुट्टियां हैं। पेरेंट्स अपने को व अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए घरों में कैद हैं लेकिन डीएवी 14 स्कूल मैनेजमेंट को कोरोना से डर नहीं लगता है वह अपने पेरेंट्स को कंसेंट फॉर्म भेज कर इस विषम परिस्थिति में भी बच्चों को ऑनलाइन क्लास दिलाने के लिए दबाव डाल रहा है।
अभिभावक एकता मंच ने स्कूल की इस शर्मनाक कार्रवाई का विरोध करते हु
ए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री चेयरमैन एफएफआरसी को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। मंच ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक मांगी जा रही फीस को जायज ठहराने के लिए ही इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। उन्हें अपने छात्रों,अभिभावकों व अध्यापकों के भविष्य व स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने अभिभावकों से कहा है वे पहले इस भयंकर बीमारी से अपने परिवार की रक्षा करें। इस कोरोना से देश बचेगा, समाज बचेगा,तो हम सब भी बचेंगे और पढ़ाई भी बचेगी। वैसे भी ऑनलाइन पढ़ाई के बाद पेरेंट्स ही बच्चों को खुद पढ़ाते हैं। अब भी बिना ऑनलाइन के बच्चों को घर पर पढ़ाई कराएं। स्कूलों के भ्रमजाल में ना फसें। एकजुट और जागरूक होकर स्कूल की प्रत्येक मनमानी का बिना किसी डर के विरोध करें और स्कूल के किसी भी नोटिस से ना घबराएं। कोविड के नियमों का सख्ती से पालन करें। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि स्कूलों द्वारा फीस मांगने पर स्कूल मैनेजमेंट को लिखकर दें कि स्कूल खुलने पर जब बच्चे पढ़ाई करने जाएंगे तब हम मासिक आधार पर बिना बढ़ाई गई सिर्फ ट्यूशन फीस देने को तैयार हैं लेकिन इस समय स्कूल बंद हैं और टीचर भी छुट्टी पर हैं। काम धंधे बंद होने के कारण हमारी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है अतः इस समय हम ट्यूशन फीस देने के लिए समर्थ नहीं है।
ए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री चेयरमैन एफएफआरसी को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। मंच ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक मांगी जा रही फीस को जायज ठहराने के लिए ही इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। उन्हें अपने छात्रों,अभिभावकों व अध्यापकों के भविष्य व स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने अभिभावकों से कहा है वे पहले इस भयंकर बीमारी से अपने परिवार की रक्षा करें। इस कोरोना से देश बचेगा, समाज बचेगा,तो हम सब भी बचेंगे और पढ़ाई भी बचेगी। वैसे भी ऑनलाइन पढ़ाई के बाद पेरेंट्स ही बच्चों को खुद पढ़ाते हैं। अब भी बिना ऑनलाइन के बच्चों को घर पर पढ़ाई कराएं। स्कूलों के भ्रमजाल में ना फसें। एकजुट और जागरूक होकर स्कूल की प्रत्येक मनमानी का बिना किसी डर के विरोध करें और स्कूल के किसी भी नोटिस से ना घबराएं। कोविड के नियमों का सख्ती से पालन करें। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि स्कूलों द्वारा फीस मांगने पर स्कूल मैनेजमेंट को लिखकर दें कि स्कूल खुलने पर जब बच्चे पढ़ाई करने जाएंगे तब हम मासिक आधार पर बिना बढ़ाई गई सिर्फ ट्यूशन फीस देने को तैयार हैं लेकिन इस समय स्कूल बंद हैं और टीचर भी छुट्टी पर हैं। काम धंधे बंद होने के कारण हमारी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है अतः इस समय हम ट्यूशन फीस देने के लिए समर्थ नहीं है।
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