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मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बिजली विभाग ने एडीसी की राशि को अगले साल तक स्थगित कर देने के आदेश जारी किए हैं लेकिन जब उपभोक्ता ऑनलाइन बिजली का बिल जमा करा रहे हैं तो उनसे एडीसी राशि के साथ बढ़ा हुआ बिजली का बिल ही मांगा जा रहा है। इससे उपभोक्ता अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्हें यह डर सता रहा है कि बिजली का बिल जमा न होने पर बिजली विभाग उनका क
नेक्शन ना काट दे।
मंच ने बिजली विभाग की इस मनमानी की शिकायत मुख्यमंत्री से की है।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व सेव फरीदाबाद के संयोजक पारस भारद्वाज कहा है कि सभी समाचार पत्रों में इस बात की खबर प्रकाशित हुई है कि मुख्यमंत्री के कहने पर बिजली विभाग ने एडीसी की राशि को अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया है और उपभोक्ताओं से वास्तविक बिल राशि जमा कराने को कहा गया है। लॉक डाउन लग जाने के कारण और बढ़ते कोरोना संक्रमित के चलते उपभोक्ता फिजिकली तौर पर बिजली बिल जमा केंद्र पर बिल जमा कराने नहीं जा पा रहे हैं इसकी जगह वह पहले की तरह ही ऑनलाइन बिजली का बिल जमा कराने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन ऑनलाइन सिस्टम वास्तविक बिल राशि जमा नहीं कर रहा है इसकी जगह एडीसी राशि के साथ बढ़ाई गई बिल राशि को ही स्वीकार कर रहा है जिसकी वजह से उपभोक्ता बिजली का बिल जमा नहीं करा पा रहे हैं।कैलाश शर्मा ने बताया कि उन्होंने खुद अपने घर के दो बिजली कनेक्शन का बिजली बिल का भुगतान ऑनलाइन जमा कराने की कोशिश की तो वह वास्तविक बिल राशि के साथ जमा नहीं हो पाई।ऑनलाइन सिस्टम अभी भी बढ़ा हुआ बिजली बिल ही मांग रहा है।
उन्होंने इसकी तुरंत लिखित शिकायत मुख्यमंत्री व बिजली विभाग से कर दी है। मंच व सेव फरीदाबाद ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि फिलहाल फौरी तोर से उपभोक्ताओं को दी गई इस राहत के अनुसार वास्तविक बिल राशि ऑनलाइन सिस्टम पर स्वीकार कराई जाए और उसके बाद बिना किसी उचित कारण के ईमानदार उपभोक्ताओं पर थोपी जा रही एसीडी की राशि को पूरी तरह से वापस लिया जाए तभी उपभोक्ताओं को स्थाई फायदा होगा।
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