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श्रीमती निर्मल धामा नारी शक्ति को उत्थान के लिए किए गए उल्लेखनीय योगदान हेतु सम्मानित किया गया

Posted by : pramod goyal on : Monday 8 March 2021 0 comments
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 फरीदाबाद : -  श्रीमती निर्मल धामा वरिष्ठ समाज सेविका एवं नगर निगम फरीदाबाद की पूर्व प्रशासनिक अधिकारी को आज राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एवं लक्ष्य ग्रामीण विकास संस्था (रजि) के द्वारा सेक्टर 16 फरीदाबाद के सामुदायिक भवन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2021 के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में उनके द्वारा नारी शक्ति के उत्थान के लिए कि


ए गए उल्लेखनीय योगदान हेतु सम्मानित किया गया। इसके लिए उन्होंने लक्ष्य संस्था की महासचिव श्रीमती गीता सिंह और नाबार्ड बैंक के  जिला विकास प्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी का विशेष आभार प्रकट किया। 

इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए   कहा कि सबसे पहले विपरीत परिस्थितियों के बावजूद  स्वयं शिक्षा प्राप्त की और अपने आप को सशक्त किया। उन्हें फरीदाबाद नगर निगम की पहली महिला परियोजना अधिकारी, पहली महिला सहायक संपदा अधिकारी, पहली महिला जनगणना अधिकारी, पहली महिला क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, पहली महिला वरिष्ठ कराधान अधिकारी और पहली महिला प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जिसके लिए वह परम पिता परमात्मा का आभार प्रकट करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में रहते हुए भी उन्होंने नारी उत्थान और सशक्तिकरण के लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य किये और अब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एजुकेशन सोसायटी एन जी ओ के साथ मिलकर महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है।यह संस्था अभी तक लगभग 1200 से अधिक युवतियों ओर महिलाओं को रोजगरपरक प्रशिक्षण दे चुकी है।

निर्मल धामा ने कहा कि आर्य समाजी और स्वतंत्रता सेनानी परिवार से संबंध होने के कारण उनका भारतीय परंपराओं, मान्यताओं और संस्कारों में अटूट विश्वास है। उनका पूरा जीवन सादगी और उच्च विचारों को समर्पित रहा है। अपनी  पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ नौकरी करते हुए शिक्षा प्राप्त की। यही संस्कार अपनी लड़कियों को दिए हैं। ईमानदारी और सादगी उनके जीवन के मूल्य रहे हैं। इसलिए सभी महिलाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा के महिला सशक्तिकरण के साथ पाश्चात्य सभ्यता के पीछे भागने के बजाय भारतीय जीवन मूल्य, परंपराओं और मान्यताओं को बनाए रखते हुए अपने पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में संतुलन बनाकर आगे बढ़े। इससे उन्हें निश्चित तौर पर सफलता और प्रसन्नता मिलेगी। सफलता औऱ प्रसन्नता सुखी जीवन का आधार हैं।

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