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भारत बंद के तहत उप श्रम आयुक्त के कार्यालय के सम्मुख जोरदार धरना प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Friday 26 March 2021 0 comments
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 फरीदाबाद 26 मार्च संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद के तहत आज जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद के बैनर तले उप श्रम आयुक्त के कार्यालय के सम्मुख जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन की अध्यक्षता एटक के कामरेड विशंभर सिंह, सीटू के प्रधान निरंतर, एच एम एस के प्रधान आर डी यादव,इंटक के प्रधान हुकमचंद बेनीवाल, आईसीटी यू के कामरेड जवाहरलाल, बैंक यूनियन के प्रधान कृपाराम शर्मा ने संयुक्त रूप से की। जबकि धरने का  संचालन कन्वीनर लालबाबू शर्मा ने किया। धरने को एटक के जिला प्रधान आर एन सिंह ने संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर मजदूरों के खिलाफ


श्रम कानून बनाने का आरोप लगाया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इन श्रम कानूनों को बनाने में काफी लोगों ने कुर्बानियां दी हैं। मौजूदा सरकार मजदूरों को अधिक सुविधाएं देने के बजाय पहले से संघर्षों के बल पर हासिल किए गए अधिकारों को छीन रही है। मजदूरों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार से तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाना चाहिए। जिसकी सहायता से किसानों को उनकी उपज के लाभकारी एवम् उचित दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि आज आंदोलन वह 4 महीने हो गए लेकिन सरकार बातचीत के रास्ते को बंद करके बैठ गई है। उन्होंने कहा कि लगातार महंगाई बढ़ रही है। पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों में इजाफा होने की वजह से खाद्य पदार्थों की सामग्रियों की कीमतें बढ़ने लगी है। इन बढ़ती हुई कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने कोई प्रयास नहीं किए हैं। सरकार लगातार मजदूर वर्ग पर हमला कर रही है। उनको समान काम के लिए समान वेतन नहीं दिया जा रहा है।  पुरानी पेंशन की सुविधा को छीना जा रहा है। इसकी जगह पर न्यू पेंशन योजना बना दी गई है। श्रम कानूनों के तहत मिलने वाली सुविधाओं पर लगातार कटौती हो रही है। आज के धरने को हिंद मजदूर सभा के नेता राजपाल दांगी ने भी संबोधित किया उन्होंने बताया कि सरकार की निजी करण की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र लगातार घट रहा है। बैंक यूनियन के प्रधान कृपाराम शर्मा ने बताया कि केंद्र की सरकार राष्ट्रीय कृत बैंकों को बंद कर रही है। इनके स्थान पर प्राइवेट बैंकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जबकि प्राइवेट बैंक जनता को सुविधाएं प्रदान करने का काम नहीं करते हैं। इन बैंकों का काम मुनाफा कमाने का है। सरकार के द्वारा आम जनता को मिलने वाली लोन और ऋण की सुविधाएं निजी बैंक नहीं दे सकते हैं।उन्होंने कहा कि सरकार की निजीकरण और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ देश के दस लाख बैंक कर्मचारियों ने दो दिन की 15और 16मार्च को हड़ताल भी की।आज के धरने को इंटक के हुकम चंद बेनीवाल, आईसीटी यूके कामरेड जवाहर लाल ऊलफ वर्कर्स यूनियन के प्रधान कामरेड सोहनलाल, एटक के महासचिव बेचू  गिरी ने भी संबोधित किया।

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