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कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर विधायक सीमा त्रिखा को सौंपा ज्ञापन

Posted by : pramod goyal on : Saturday 13 February 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 13 फरवरी: बडख़ल विधानसभा क्षेत्र की विधायक सीमा त्रिखा ने कर्मचारियों को दिलवाया विश्वास कहा कि मुख्यमंत्री के सामने कर्मचारियों की वकील बन कर उठाऊंगी कर्मचारियों की आवाज विधायक ने  कर्मियों की छंटनी, पुरानी पेंशन, डीए व एलटीसी बहाली व ठेका प्रथा समाप्त कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने आदि मांगों को बताया जायज। उन्होंने यह आश्वासन आज सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों द्वारा लंबित मांगों के उनको सौंपे। ज्ञापन के बाद कर्मचारियों को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा कर्मचारियों व मजदूरों की मांगों को निरंतरता के साथ उठाने के लिए सराहना की। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले विभिन्न विभागों के सैकड़ों की तादाद में कर्मचारी हनुमान मन्दिर पर एकत्रित हुए और वहां से अपनी मांगों के समर्थन और सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाते हुए जुलूस की शक्ल में प्रदर्शन करते हुए बडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा के आवास पर पहुंचे। प्रदर्शन का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार


शास्त्री, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, जिला कैशियर युद्धवीर सिंह खत्री, एएचपीसी वर्कज यूनियन के नेता सतीश छाबड़ी, टूरिज्म विभाग के नेता दिगंबर डागर,  नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के उप महासचिव सुनील चिंडालिया, नगरपालिका कर्मचारी संघ के जिला प्रधान गुरचरण खाण्डिया, बादशाह खान अस्पताल के प्रधान सोनू सोया,  खंड प्रधान करतार सिंह व आदि नेता कर रहे थे।

कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि जजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, पंजाब के समान वेतन देने और आशा, आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्करों के मानदेय में बढ़ोतरी करने का वादा किया था। जिसको अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारियों की लंबित मांगों का बातचीत से समाधान करने की बजाय बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि सीएम के आश्वासन के बावजूद बर्खास्त पीटीआई को अभी तक एडजस्ट नही किया गया है। इतना ही नहीं ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे संस्कृत टीचर की भर्ती को ही रद्द कर दिया गया है। करीब 600 ड्राइंग टीचरों को बुधवार को पद मुक्त कर दिया गया है। इससे पहले सरकार अपने कार्यकाल में खेल कोटे में भर्ती हुए हजारों ग्रुप डी, नगर निगम गुरुग्राम व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से 65 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल निकाल चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्री मेच्योर रिटायरमेंट करने, प्रमोशन व एसीपी में टेस्ट की शर्त लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर अपने मनसूबे साफ  जाहिर कर दिए हैं। श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के हकों में समाप्त कर चार लेबर कोड्स बना कर पूंजीपतियों के मजदूर वर्ग को गुलाम बनाने का औजार दे दिया है। जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इस प्रदर्शन में अन्य के अलावा कर्मचारी नेता बल्लभगढ़ ब्लॉक के वरिष्ठ उपप्रधान बल्लू चिंडालिया, राकेश चिंडालिया, श्री नंद ढकोलिया, सोमपाल झिझोटिया, विजय चावला सहित अन्य दर्जनों नेताओं ने भी भाग लिया।

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