HEADLINES


More

कुष्ठ रोग उन्मूलन अभियान और राष्ट्रपिता गांधीजी को श्रद्धांजलि

Posted by : pramod goyal on : Saturday 30 January 2021 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में जूनियर रेड क्रॉस व सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड द्वारा प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। प्राचार्य रविन्दर कुमार मनचन्दा ने बच्चों को कुष्ठ रोग के बारे में बताया तथा इस रोग के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को पू


र्णतया मिथ्या बताया। मनचन्दा ने कहा कि राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ उन्‍मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत देश से कुष्‍ठ रोग को समाप्त करने का प्रयास महात्‍मा गांधी के उसी लक्ष्‍य के प्रति एक श्रद्धांजलि है। उन्‍होंने बताया कि इस कार्यक्रम को 1955 में शुरू किया गया था। उन्‍होंने कहा कि सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के रूप में कुष्‍ठ रोग को समाप्त करने के लक्ष्‍य को वर्ष 2005 में ही प्राप्त कर लिया गया था। उन्‍होंने कहा कि यद्यपि उसके बाद रोगियों का पता लगाने की दर में मामूली कमी आई लेकिन निदान के समय दिखने वाली विकृति बढ़ गई। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने कहा कि हमें न केवल एक देश के रूप में अंतिम लक्ष्‍य तक पहुंचने के लिए प्रयास और जागरूकता मुहिम नहीं छोड़नी है बल्कि इस रोग से जुड़े सामाजिक कलंक को समाप्त करने के लिए साथ मिलकर भी काम करना है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार एम्बुलेंस ब्रिगेड के सदस्यों तथा अन्य छात्राओं ने कुष्ठ रोग के तथ्यों व भ्रांतियों को दूर करने के लिए स्लोगन तथा पोस्टर बना कर भी जागरूक किया। जिसमें बताया गया कि कुष्ठ रोग का इलाज पूर्णतया संभव है और नियमित रूप से चिकित्सा करने पर रोगी रोगमुक्त हो जाता है एम.डी.टी. चिकित्सा से रोग प्रसार दर लगातार घट रही है। बिलंब से कुष्ठ रोगियों के स्वास्थय केंद्र पर आकर चिकित्सा प्रारंभ कराने पर विकलांगता होने की संभावना होती है। कुष्ठ रोग के संबंध में जन समुदाय में प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूकता पैदा की जा रही है और रोगियों को शीघ्र चिकित्सा हेतु प्रेरित किया जा रहा है। यदि किसी रोगी में विकलांगता आ जाती है तो उन्हें शल्य चिकित्सकीय उपचार का परामर्श दिया जाता है तथा रोगमुक्त कुष्ठ रोगियों को पुर्नशल्य चिकित्सा द्वारा विकलांगता से मुक्त किया जाता है। कुष्ठ रोगियों के पैर के बचाव के लिए माईक्रोसेल्यूलर रबड़ चप्पले मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है। बी.पी.एल परिवार के इलाज में विशेष रियायतें भी दी जाती है। यदि हम अपने समाज, राष्ट्र और विश्व को कुष्ठरोग से मुक्त करने में अपना योगदान किसी भी प्रकार से देते है तो ये बापू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि अब यह ज्ञात हो चुका है कि कुष्ठरोग न तो यौन-संपर्क के द्वारा संचरित होता है और न ही उपचार के बाद यह  संक्रामक रहता है क्योंकि प्राय बीस में से उन्नीस लोग प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षित होते हैं और इससे पीड़ित लोग भी उपचार के मात्र पंद्रह दिन बाद ही संक्रामक नहीं रह जाते। इस अवसर पर छात्राओं ने विद्यालय के अध्यापकों के समक्ष अपने पोस्टर व सलोगन दिखा कर सभी से कुष्ठ उन्मूलन अभियान में सहयोगियों बढाने के लिए प्रेरित किया। आज राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर विद्यालय ने दो मिनट का मौन रख कर बापू को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। इस अवसर पर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने संजय मिश्रा सहित सभी अध्यापकों का कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम में जागरूक होने और करने के लिए आभार व्यक्त किया।

No comments :

Leave a Reply