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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने ब्लॉकचेन स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए किया समझौता

Posted by : pramod goyal on : Monday 11 January 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 11 जनवरी - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने की दिशा में की जा रही पहल को बड़ी सफलता मिली है। केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सॉफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआई) ने विश्वविद्यालय को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित अपने गुरुग्राम में स्थित सेंटर आफ एक्सीलेंस ‘एपीयरी’ का शैक्षणिक भागीदार बनाया है। विश्वविद्यालय का कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग दोनों भागीदारों के बीच ब्लॉकचेन पर अनुसंधान और सहयोगी गतिविधियों के संचालन एवं प्रोत्साहन के लिए एक नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। एसटीपीआई ने विश्वविद्यालय के साथ आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।


समझौते पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग तथा एसटीपीआई के अतिरिक्त निदेशक श्री संजय कुमार ने कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर इंफॉर्मेटिक्स एंड कंप्यूटिंग के डीन प्रो. कोमल भाटिया, डीन आफ प्लेसमेंट, एलुमनी एंड कॉर्पोरेट अफेयर्स के डीन प्रो. विक्रम सिंह, लिबरल आर्ट्स एंड मीडिया स्टडीज के डीन प्रो अतुल मिश्रा, और डायरेक्टर इंडस्ट्री रिलेशंस डॉ. रश्मि पोपली, और एसटीपीआई से चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री आलोक राय तथा श्री सनी सहगल उपस्थित थे।
समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि समझौता से विश्वविद्यालय की स्टार्टअप पहल को सहयोग और बढ़ावा मिलेगा। विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में उद्यमिता की ओर छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बिजनेस टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि एसटीपीआई एपीयरी और विश्वविद्यालय संयुक्त अनुसंधान के संचालन के माध्यम से स्थानीय उद्योगों को समाधान प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक पहल है, जोकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्टार्टअप की पहचान तथा मूल्यांकन करता है। यह सेंटर स्टार्ट-अप के लिए टेक्नोक्रेटस मेंटरशिप, मेंटरशिप प्रोग्राम और वेंचर कैपिटल फंडिंग भी उपलब्ध करवाता है। 
एसटीपीआई के अतिरिक्त निदेशक श्री संजय कुमार ने कहा कि यह मंच स्टार्ट-अप के लिए सप्लाई चेन, कृषि, वित्त, ई-गवर्नेंस उपयोग के मामलों, भूमि रिकॉर्ड, सार्वजनिक स्वास्थ्य, श्रम, सेवा रिकॉर्ड, पेंशन वितरण, कानून प्रवर्तन और साक्ष्य प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्यूटिकल्स अन्य से संबंधित नवीन उत्पादों और समाधानों को विकसित करने के लिए मेंटर्स, कैपिटल, मार्केट एक्सेस और इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के माध्यम से मानव संसाधन और नई पीढ़ी के उद्यमियों को पैदा करने के लिए एक इको-सिस्टम विकसित करना है।

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