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फरीदाबाद।
नऐ कृषि सुधार कानून किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में सहायक है, राजनितिक स्वार्थ के लिए कृषि विधेयक पर किसानों को कुछ लोग गुमराह कर रहें हैं, वरिष्ठ अधिवक्ता व किसान संघर्ष समिति ग्रेटर फरीदाबाद के अध्यक्ष व सैकडो अधिवक्ताओं ने इस नये कृषि सुधार कानून का समर्थन किया और समर्थन में नारे लगाये और ज्ञापन जिला उपायुक्त के मार्फत भारत सरकार के समर्थन में भेजा। इन कानूनों से जहां किसान अपनी फसलों की देशभर में अपनी बिी के लिए स्वतंत्र होंगे वहीं किसानों को फसलों की बिी हेतु बड़ा बाजार भी उपलब्ध होगा। वर्षो बाद अब कृषि कानूनों में सुधार होने से ना केवल बाजार का दायरा बढ़ेगा बल्कि किसानों को अपनी फसल का अच्छा भाव भी मिल पाऐंगा। किसानों को इन कानूनों को बारीकी से समझने की जरूरत है। पहले किसानों को ऐसे मकड जाल में फसा रखा था जिससे उन्हों फसलों को मनचाहे दामों पर बेचने से रोक रखा था। तीनों कृषि कानूनों के बिल के समर्थन में आज सैकडों वकीलों ने नारे लगाये और केन्द्र सरकार को अपना समर्थन दिया इस मौके पर प्रदीप परमार, सतबीर शर्मा, डी0एस0 रावत, रघवेश सिंगल, रविन्द्र रावत, महेन्द्र गर्ग, जिला बार ऐसोसिएशन के लाईब्रेेरियन विजय यादव, रमेश नागर, बिल्लू धनकड, धनीराम, विजय गुन्ता, मोबिन खान, मनोज, कुलदीप जोशी, हेमराज कापासिया, आर0सी0 पाराशर, कल्पना शर्मा, प्रिया, देबू कपासिया, ललित शर्मा, देवेन्द्र, सतपाल नागर, पवन कौशिक, ब्रहमदत्त शर्मा, अमन तनेजा व अन्य सैकडो अधिवक्ता मौजूद थे।
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