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कर्मचारी नेताओं के घरों पर छापेमारी व घरों पर नजरबंद करने की घोर निन्दा की

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 8 December 2020 0 comments
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 फरीदाबाद,8 दिसंबर।


सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने भारत बंद को विफल बनाने के लिए कर्मचारी नेताओं के घरों पर छापेमारी व घरों पर नजरबंद करने की घोर निन्दा की है। संघ ने सरकार के निर्देश पर पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही को संवैधानिक एवं जनतांत्रिक अधिकारों पर हमला करार दिया है। मंगलवार को आयोजित प्रर्दशनों में पुलिस की इस दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री,उप प्रधान अतर सिंह केशवाल व प्रेस सचिव राजबेल देसवाल ने बताया कि पुलिस ने किसानों के भारत बंद में कर्मचारियों को शामिल होने से रोकने सभी सीमाएं लांघकर काम किया। उन्होंने बताया कि सोमवार देर शाम पुलिस की क्राइम ब्रांच ने प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला बलबीर सिंह बालगुहेर के घरों पर उनको गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की। शास्त्री व बालगुहेर ने इसकी पहले ही भनक लग गई और वो घरों से नदारद हो गए। श्री शास्त्री ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा कोविड संक्रमित होने के कारण स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर छापेमारी की। सभी रिपोर्ट देखने के बाद उनको भारत बंद में शामिल न होने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा को घर में नजरबंद किया गया और उन पर निगरानी रखने का कार्य चावला पुलिस चौकी प्रभारी को दिया गया। उन्होंने बताया कि उनको भी गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने मेरे घर के आसपास के पार्कों में भी तलाश की गई। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार किसान संधर्ष समिति नहर पार के संयोजक व आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सतपाल नरवत को मंगलवार को सुबह ही उनके खेड़ी कलां गांव में उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। पुलिस ने पुरे दिन घर के बाहर डेरा जमाए रखा। उन्होंने बताया कि सोमवार शाम को रोड़वेज के डिपों प्रधान रविन्द्र नागर को हिरासत में लिया गया। जिससे जबरन रोड़वेज पर प्रर्दशन व बसों का चक्का जाम न करने का लिखित में आश्वासन लेने के बाद ही रिहा किया गया। उन्होंने बताया की सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा इस दमनात्मक कार्रवाई को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा और शीघ्र ही इसके खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।


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