तीनों काले कानून वापिस लो ---फरीदा बाद 31 दिसंबर केंद्र सरकार द्वारा जून को अध्यादेश के द्वारा किसानों के 3 कानूनों का आदेश जारी किया गया था सितंबर में लोकसभा और राज्यसभा में इसे पेश करके कानून का रूप दे दिया जबकि राज्यसभा में सरकार का बहुमत भी नहीं था धक्के से बीजेपी की सरकार ने इसे राज्यसभा में पास करा दिया राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये कानून बन गए देश का किसान लगातार काले कानूनों का विरोध कर रहा है 26 नवंबर से देश का किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली आ रहा था उसको रोकने के लिए सड़क खोदी गई, और वाटर कैन का प्रयोग किया गया, लाठीचार्ज हुआ लेकिन किसान 36 दिन से अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली में भीषण ठंड में डटे हुए हैं और 40 से अधिक किसानों की इस आंदोलन में मृत्यु हुई है शहीद किसानो के लिए देश के प्रधानमंत्री और देश के कृषि मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता ने आज तक शहीद किसानों को श्रद्धांजलि में 2 शब्द भी नहीं कहे किसानों से छटे दौर की
बातचीत की इन तीन कानूनों पर अभी भी सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं है केवल पराली जलाने पर बिजली बिल 2020 को ही वापस लेना चाहती है अभी भी सरकार मंडी व्यवस्था में खरीद से बचना चाहती है केवल पैन कार्ड रखने वाला कोई व्यक्ति किसानों से उनकी उपज खरीदेगा और एक-दो साल तक ही खरीद होगी और जब मंडी बर्बाद हो जाएंगी तो वह अपने मनमाने रेट पर खरीदेगे सरकार ने जो सटाक की लिमिट बना रखी थी उसको तीसरे कानून में समाप्त कर दिया गया कितना ही स्टॉक कर सकते हैं इसकी कोई लिमिट नहीं रही आज फरीदाबाद के गांवो में किसान सभा ने तीनों काले कानूनों के बारे में किसानों को जानकारी दी और बढ़-चढ़कर किसान आंदोलन में भाग लेने की अपील की गांव सागरपुर और फतेहपुर बिलोच में किसानों की सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला प्रधान नवल सिंह नहर पार संघर्ष समिति के नेता सतपाल नरवत किसान नेता श्री पाल सिंह भाटी मास्टर वीरेंद्र सिंह बबलू हुड्डा ने संबोधित किया और सागरपुर के किसान वीर सिंह रोहतास निरंजन सिंह गोविंद तथा फतेहपुर बिल्लौच के किसान जय किशोर दलाल सूरज सिंह देशूनमबरदार सतीश फोगाट चमन सिंह यादव सुखबीर मकरंद शर्मा ने भी किसानों के आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आश्वासन दिया जारीकर्ता सतपाल नरवत नवल सिंह
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