केंद्र की भाजपा सरकार के लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। इसका नतीजा हरियाणा की मनोहर लाल सरकार को भुगतना पड़ सकता है। दरअसल, सूबे की खाप पंचायतें अब किसान आंदोलन में कूद गई हैं। इसी के चलते अब सरकार में सहयोगी बने निर्दलीय विधायकों पर समर्थन वापसी के लिए दबाव बनाने का फैसला किया गया है।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें भाजपा की हैं। 10 डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP की हैं। 31 कांग्रेस की तो एक सीट हरियाणा लोक भलाई पार्टी को मिली थी और एक इनेलो को। इसके अलावा 8 विधायक निर्दलीय हैं। JJP और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हरियाणा के खट्टर सरकार चल रही है।
अब देश का किसान भाजपा और सहयोगियों से नाराज है तो इसी बीच फोगाट खाप ने किसान आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया और खाप के फैसले के साथ खड़े होकर चरखी दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान ने पहले पशुधन बोर्ड का चेयरमैन पद छोड़ा और फिर सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के मसले को लेकर महम के निर्दलीय विधायक पहले ही कई महीने से सरकार से नाराज चल रहे हैं। अब भी 6 निर्दलीय विधायक सरकार के साथ खड़े हैं।
अब जींद जिले में 40 खापों की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में कई अहम फैसले लिए गए। इन्हीं में से एक फैसला यह भी है कि वो हरियाणा को गिराने के लिए मुहिम की शुरुआत करेंगी। खाप नेताओं ने ऐलान किया कि जिन विधायकों ने सरकार को समर्थन दिया हुआ है। उन पर समर्थन वापस लेने के दबाव बनाया जाएगा। हर एक खाप इन विधायकों से जाकर मुलाकात करेगी। पहले शांति से विधायकों से अपील की जाएगी और अगर वो नहीं मानें तो उनकी गांवों में एंट्री बैन कर दी जाएगी।
No comments :