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शिक्षा से महिला हिंसा और उत्पीड़न पर वार संभव

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 25 November 2020 0 comments
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 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस और गाइडस ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय महिला  हिंसा उन्मूलन दिवस पर वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि 25 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में विश्वभर में मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। महिलाओं के समूह व संगठन महिलाओं की समाज में चिंताजनक स्थिति और इसके परिणामस्वरूप, महिलाओं के शारीरिक, मानसिक तथा मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को सामने लाने के लिए वर्ष 2000 से शुरुआत की गई थी। ब्रिगेड तथा जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य


रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा-उन्मूलन दिवस महिलाओं के अस्तित्व एवं अस्मिता से जुड़ा एक ऐसा दिवस है जो दायित्व बोध की चेतना का संदेश देता है, जिसमें महिलाओं के प्रति बढ़ रही हिंसा को नियंत्रित करने का संकल्प भी है। इसमें जहां नारी की अनगिनत जिम्मेदारियों के सूत्र सम्मिलित हैं, वही नारी को दोयम दर्जा समझे जाने की मानसिकता को झकझोरने के प्रयास भी सम्मिलित है। यह दिवस उन कुरीतियों पर पहरा देता है जहां से जीवन आदर्शों के भटकाव एवं नारी-हिंसा की संभावनाएं हैं, यह उन आकांक्षाओं को थामता है जिनकी गति तो बहुत तेज होती है पर जो बिना उद्देश्य बेतहाशा दौड़ती है। यह दिवस नारी को शक्तिशाली और संस्कारी बनाने का अनूठा माध्यम है। वैयक्तिक स्वार्थों को एक ओर रखकर औरों को सुख बांटने और दुःख बटोरने की मनोवृत्ति का संदेश है। इसलिए इस दिवस का मूल्य केवल नारी तक सीमित न होकर सम्पूर्ण मानवता से जुड़ा है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक वैश्विक महामारी है। 70 प्रतिशत महिलाओं की संख्या अपने जीवनकाल में हिंसा का अनुभव करती है। कुछ चिंतन और मनन करने से हमें पता चलता है कि महिलाओं के विरुद्ध यौन उत्पीड़न, फब्तियां कसने, छेड़खानी, वैश्यावृत्ति, गर्भाधारण के लिए विवश करना, महिलाओं और लड़कियों को खरीदना और बेचना, हिंसक व्यवहार और भीषण यातनाओं का क्रम अभी भी महिलाओं के विरुद्ध जारी है और इसमें कमी होने के बजाए वृद्धि हो रही है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि सरकार वर्तमान में महिला सशक्तिकरण के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है फिर भी आधुनिक युग में हजारों आम महिलाएं अपने अधिकारों से कोसों दूर हैं। सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए बहुत सी योजनाएं तैयार की हैं, परंतु महिला वर्ग में शिक्षा और जागरूकता की कमी से उन का पूरा लाभ उन्हें नहीं प्राप्त हो रहा। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा और संयोजिका प्राध्यापिका जस्नीत कौर ने महिलाओं के प्रति हिंसा और उत्पीड़न समाप्त करने के लिए छात्राओं सोनी, निशा, खुशी, ताबिंदा, आंचल, प्रिया और पूनम सिंह का श्रेष्ठ अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत आभार प्रकट किया और कहा कि अच्छी शिक्षा प्राप्त कर ऐसी घटनाओं से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है।


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