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फरीदाबाद: 21 नंबर। शहर फरीदाबाद सहित अन्य दिल्ली एनसीआर में श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। लोग तड़के ही अपने-अपने घरों की छतों पर बनाए गए कृत्रिम तालाब पर आ गए थे। कई लोगों ने मिलकर गली में कृत्रिम तालाब बनाए थे तो कहीं प्लास्टिक और रबड़ के
स्वीमिंग पूल के पास तथा पानी के टब में खड़े होकर लोगों ने पूजा की और सूर्य देव को नमन किया। जिसके दौरान शनिवार को चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन किया गया।
सामजसेवी व पत्रकार मोहन तिवारी ने बताया कि पिछले लगभग 8 साल से लगातार आस्था के महापर्व छठ को पूजा करते आ रहे लेकिन इस बार शासन व प्रशासन के हिदायत के अनुसार छत पर ही टब में पानी डाल कर पूजा किया। उन्होंने बताया कि इस छठ पूजा की हिंदू धर्म मे मान्यता है। समाजसेवी व पत्रकार मोहन तिवारी ने कहा कि इस छठ पर्व का बहुत उत्तरपूर्वी व बिहार में इसका बहुत महत्व है ऐसी वजह से लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन शुक्रवार शाम 5 बजे के बाद फरीदाबाद व दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने घरों और सार्वजनिक स्थलों पर ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया। मोहन तिवारी ने कहा कि इस बीच फरीदाबाद में एक अजब नजारा देखने को मिला की पानी के टब में लोगो ने खड़ा होकर अपना पूजा अर्चना किये साथ ही इसके अलावा ओल्ड फरीदाबाद क्षेत्र सहित पूरे शहर में बड़ी संख्या में आस्था के साथ छठ का पर्व को शनिवार को सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर समापन किया गया।
मोहन तिवारी ने बताया कि इस छठ पूजा के तीसरे दिन शुक्रवार को संध्या अर्घ्य वाले दिन लोगों ने ठेकुआ का प्रसाद तैयार कर लिया था। शनिवार को इस प्रसाद से श्रद्धालुओं ने व्रत खोला। कई घरों में आस-पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए थे। सबने मिल कर पहले पूजा-अर्चना की। बाद में छठ मैया के नाम से प्रसाद वितरित किया। ओल्ड फरीदाबाद इलाके में भी लोगों ने घर-आंगन में कृत्रिम तालाब बनाए थे, जहां पूजा की गई।
सामजसेवी व पत्रकार मोहन तिवारी ने बताया कि इस बार काेरेाना संकट के चलते कहीं सामूहिक रूप से कार्यक्रम नहीं किए गए। पूजा के दौरान स्वस्थ समाज के निर्माण की मंगला कामना की गई। उन्होंने ने सूर्य देव और छठ मैया को नमन करते हुए काेरोना से बचाव की प्रार्थना की। मोहन तिवारी ने बताया कि शासन व प्रशासन के हिदायत का पालन करते हुए की अपने घरों के छतों पर पूजा किया तथा शारीरिक दूरी का पालन करते हुए यहां छठ पूजा का समापन किया गया। सगे-संबंधियों और पड़ोसियों को प्रसाद भी बांटा गया।
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