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ऑन लाइन प्रोपेर्टी टैक्स जमा कराने की प्रक्रिया से निगम कर्मचारियों की पो - बारह

Posted by : pramod goyal on : Saturday 31 October 2020 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद। भ्रस्टाचार समाप्त करने के लिए विभिन विभागों में सरकार द्वारा शुरू की गई ऑन लाइन व्यवस्था आम लोगों के लिए न केवल जी का जंजाल बन गई है , बल्कि भ्रस्टाचार का प्रयाय भी साबित हो रही है।


ऑन लाइन प्रोपेर्टी टैक्स जमा कराने की प्रक्रिया से निगम कर्मचारियों की पो - बारह  हो रही है।  जी हा, जब से नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स से लेकर सभी प्रकार के टैक्स ऑन जमा कराने की प्रक्रिया शुरू की है, तभी से कर दाता परेशान है। निगम कार्यालय में पूरा टैक्स जमा कराने के बावजूद उपभोक्ता के खाते में यह ऑन लाइन दर्शाता रहता है। जिसे ठीक कराने के लिए लोग निगम कार्यालय के चक्कर लगाने पर मजबूर होते है। लोगो की परेशानी तब और भी बढ़ जाती है, जब उसे अपने भूखंड की रजिस्ट्री करानी होती है।   निगम के बकाया भुगतान न होने के कारण रजिस्ट्री की ऑन लाइन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ती है। हद तो तब हो जाती है , जब समन्धित व्यक्ति पूरा टैक्स जमा कराने के बावजूद ऑन लाइन अपने बकाया देखकर ठगा सा रह जाता है।  अब उसके सामने दो ही विकल्प रह जाते है कि वह या तो अपने पूरे टैक्स का फिर से ऑन लाइन भुगतान करे या फिर निगम कार्यालय के धक्के खाये। निगम कार्यालय में कर्मचारी उसे इधर से उधर घुमाते रहते है या फिर मोटी राशि लेकर उसका ऑन लाइन भुगतान ठीक कर दिया जाता है।  मजबूरी में लोगो को सरकार की इस ऑन लाइन प्रक्रिया का शिकार बनना पड़ रहा है। 

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