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फरीदाबाद।
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले आज रविवार को फरीदाबाद जिले के कर्मचारियों ने फरीदाबाद के विधायक श्री नरेंद्र गुप्ता के आवास पर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज प्रात कर्मचारी राजस्थान भवन के सामने एकत्रित हुए यहां से नारे लगाते हुए सेक्टर 11 स्थित विधायक के आवास पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिला प्रधान दिनेश पाली ने किया जबकि कार्रवाई का संचालन जिला सचिव महेंद्र सिंह कर रहे थे। इस मौके पर सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने कहा कि सफाई का काम स्थाई काम है। इसलिए सरकार को इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करना चाहिए। जब तक रेगुलर नहीं होते हैं तब तक जीने लायक न्यूनतम वेतन 18 हजार लागू करना चाहिए। लेकिन ऐसा करने कि बजाय प्रदेश की सरकार राज्य के लगभग 11हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है। साल 2013 में शहर के सफाई ठेका कर्मियों व गांव के सफाई कर्मियों का वेतनमान एक था। जबकि अब ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को शहरी सफाई कर्मचारियों की तुलना में 25 सौ रुपए कम वेतन मिल रहा है। इस भेदभाव को समाप्त करने के लिए 25 अगस्त को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवम् पंचायत मंत्री दुष्यन्त चोटाला के साथ चंडीगढ़ में वार्ता में हुई थी।इस मीटिंग में यूनियन ने पी एफ, इएसआई,के अलावा सफाई कर्मचारियों के औजारों को ब्लॉक से दिलवाने, काम के नॉर्म तय करने, महिला सफाई कर्मचारियों को वेतन सहित प्रसूति अवकाश देने, एरियर के भुगतान करने बेगार प्रथा पर रोक लगाने जैसी मांगो पर सहमत बनी थी। जिस पर उपमुख्मंत्री ने इन्हे पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक भी इस सम्बंध में कोई पत्र जारी नही किया है।
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले आज रविवार को फरीदाबाद जिले के कर्मचारियों ने फरीदाबाद के विधायक श्री नरेंद्र गुप्ता के आवास पर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज प्रात कर्मचारी राजस्थान भवन के सामने एकत्रित हुए यहां से नारे लगाते हुए सेक्टर 11 स्थित विधायक के आवास पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिला प्रधान दिनेश पाली ने किया जबकि कार्रवाई का संचालन जिला सचिव महेंद्र सिंह कर रहे थे। इस मौके पर सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने कहा कि सफाई का काम स्थाई काम है। इसलिए सरकार को इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करना चाहिए। जब तक रेगुलर नहीं होते हैं तब तक जीने लायक न्यूनतम वेतन 18 हजार लागू करना चाहिए। लेकिन ऐसा करने कि बजाय प्रदेश की सरकार राज्य के लगभग 11हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है। साल 2013 में शहर के सफाई ठेका कर्मियों व गांव के सफाई कर्मियों का वेतनमान एक था। जबकि अब ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को शहरी सफाई कर्मचारियों की तुलना में 25 सौ रुपए कम वेतन मिल रहा है। इस भेदभाव को समाप्त करने के लिए 25 अगस्त को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवम् पंचायत मंत्री दुष्यन्त चोटाला के साथ चंडीगढ़ में वार्ता में हुई थी।इस मीटिंग में यूनियन ने पी एफ, इएसआई,के अलावा सफाई कर्मचारियों के औजारों को ब्लॉक से दिलवाने, काम के नॉर्म तय करने, महिला सफाई कर्मचारियों को वेतन सहित प्रसूति अवकाश देने, एरियर के भुगतान करने बेगार प्रथा पर रोक लगाने जैसी मांगो पर सहमत बनी थी। जिस पर उपमुख्मंत्री ने इन्हे पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक भी इस सम्बंध में कोई पत्र जारी नही किया है।
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