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एफएफआरसी ने उठाया सख्त कदम, मॉडर्न डीपीएस के पिछले 4 साल के खातों की जांच व ऑडिट के आदेश

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 9 September 2020 0 comments
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फरीदाबाद।  मनमानी फीस को लेकर अभिभावकों द्वारा लगातार किए जा रहे आंदोलन और हरियाणा अभिभावक एकता मंच द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव को लिखे गए पत्रों ने  अपना असर दिखाया है। बुधवार को चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी कम मंडल आयुक्त फरीदाबाद संजय जून ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए शिक्षा नियमावली की धा


रा 158 के तहत मॉडर्न डीपीएस  को नोटिस देकर 5 दिन के अंदर   पिछले 4 साल की सत्यापित फार्म 6 ,ऑडिट बैलेंस शीट व फीस संरचना की कॉपी, छात्रों की संख्या उनसे वसूली गई फीस की रसीदों को ,आमदनी और खर्चों व बढ़ाई गई फीस आदि का ब्यौरा मांगा है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने इसे अभिभावकों की जागरूकता व एकजुटता की जीत बताया है और अभिभावकों से आगे भी इसी तरह एकजुट और जागरूक रहने को कहा है। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि फरीदाबाद के प्राइवेट स्कूल पिछले 4 साल से लगातार फीस वृद्धि करके अभिभावकों के साथ मनमानी कर रहे हैं इसकी शिकायत पेरेंट्स लगातार चेयरमैन एफएफआरसी से कर रहे हैं लेकिन आज तक पेरेंट्स की शिकायत पर किसी भी स्कूल के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है जो अब की गई है। अगर ऐसी कार्रवाई शुरू में ही कर दी जाती तो तो स्कूलों की मनमानी काफी हद तक रुक जाती। फिर भी मंच एफएफआरसी के इस कदम का स्वागत करता है और यह मांग करता है कि जो स्कूल अभी भी एफएफआरसी के आदेश को नहीं मान रहे हैं उनके खिलाफ भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाए।जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी ने कहा है कि हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों की लूट व मनमानी को रोकने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर फीस व फंड को रेगुलेट करने के लिए 2014 में प्रत्येक मंडल कमिश्नर की अध्यक्षता में फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी का गठन किया गया। एफएफआरसी को यह अधिकार दिया गया है कि वह शिकायत के आधार पर स्कूल की मनमानी व उनके खातों की  जांच व ऑडिट करे इसके अलावा हर साल लॉट्स ऑफ ड्रा के आधार पर 5% हर कैटेगरी के प्राइवेट स्कूलों का चयन करके उनका सरकार द्वारा बनाए गए ऑडिटर से ऑडिट कराए लेकिन आज तक फरीदाबाद में ना तो शिकायत के आधार पर और ना 5% चयन के आधार पर किसी भी स्कूल के खातों की ना तो जांच की गई है और ना ऑडिट किया गया है जबकि सरकारी स्तर पर ऑडिटर नियुक्त किया जा चुका है। यह पहली बार हुआ है जब चेयरमैन एफएफआरसी फरीदाबाद ने किसी एक स्कूल के खातों की जांच का आदेश दिया है वह भी तब जब पिछले 4 महीने से लगातार पेरेंट्स सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं और मंच ने दर्जनों चिट्ठी एफएफआरसी को लिखी हैं। मंच चेयरमैन एफएफआरसी से मांग करता है कि पेरेंट्स की शिकायत पर  जिन  स्कूलों को एफएफआरसी ने कई बार नोटिस दिया है उसके बावजूद वे नियमों का उल्लंघन करके मनमानी फीस वृद्धि कर रहे हैं, अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं उनके भी पिछले 4 साल के खातों की जांच व ऑडिट की जाए। और प्रत्येक कैटेगरी के स्कूलों का 5% के आधार पर ड्रा ऑफ लॉट्स निकालकर उनका ऑडिट कराया जाए।

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