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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में रेलवे लाइनाें के इर्द-गिर्द बसी 48 हजार से अधिक झुग्गी झोपड़ियों को अब जल्द ही हटाया जाएगा। फरीदाबाद भी दिल्ली एनसीआर का हिस्सा है और करीब 15 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर झुग्गी-झोपडियों का कब्जा हुआ पडा है। इन झुग्गीृझोपडियों में करीब 12 हजार लोग रह रहे है।
पिछले करीब 40 सालों से रेलवे की जमीन पर कब्जा करके मकान बनाकर रहने वाले लोगों को अब रेलने की जमीन को खाली करना होगा। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आदेश जारी कर दिए गए है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली एनसीआर के 140 किलोमीटर लंबी रेलने लाइन की दोनों तरफ रेलवे की जमीन पर बनाई गई झुग्गी-झोपडियों को हटाया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश वर्ष 1985 में एक सामाजिक कार्यकर्ता एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है। इस याचिका में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण व अतिक्रमण इत्यादि की समस्या को उठाया गया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट पिछले 35 सालों में समय-समय पर बहुत से सुधारात्मक आदेश जारी करती रही है। रेलवे ने हलफनामा दायर कर कहा था कि राजनीतिक दखलंदाजी के चलते अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। अभी जैसे ही कार्यवाही शुरू की जाएगी। वोटबैंक के चलते राजनीतिक दखल होगा। लोग कोर्ट की शरण लेंगे और अतिक्रमण कार्रवाई पर स्टे लेे लेंगे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि उनके इस आदेश के खिलाफ कोई भी कोर्ट या हाईकोर्ट रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई स्टे नहीं देगी। रेल पटरियों के कारण बसी इन झुग्गी-झोपड़ियाें के कारण ट्रैक पर लोगों के साथ ही उनके मवेशियों के आने के कारण ट्रेन को खतरा बना रहता था। लेकिन कोई भी सरकार वोट बैंक के कारण अतिक्रमण को हटा नहीं रही थी। इस कारण कोशिश के बावजूद ट्रेनों के स्पीड बढ़ाने में सफलता नहीं मिल रही थी। ट्रेन के पायलट को झुग्गी वाले क्षेत्र में गति को सीमित स्पीड में चलाना पड़ता था जिससे अचानक पटरी किसी बच्चे या फिर उनके भैंस, बकरी के आने से ट्रेन रोककर खतरा से बचा जा सके।
फरीदाबाद में भी इस फैसले का असर देखने को मिलेगा। क्योंकि फरीदाबाद भी दिल्ली एनसीआर का हिस्सा है रेलवे अधिकारीयों की माने को तुगलकाबाद जंगशन से लेकर बल्लबगढ रेलवे स्टेशन तक की दूसरी 15 किलोमीटर की है और इस 15 किलोमीटर में रेलवे के जमीन पर दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोग रह रहे है। फरीदाबाद में इन्द्रा नगर, रामनगर, कृष्ण नगर, संजय कालोनी, ऐसी नगर, संतनगर ये सभी वो इलाके है जो रेलवे की जमीन पर बसे हुए है करीब 2500 मकान और झुग्गी -झोपडियों को तोडा जायेगा। इन इलाकों में रहने वाले लोगों ने बताया कि वो पिछले 40 सालों से यंहा रह रहे है। अगर अब उनको हटाया जायेगा तो वो कंहा जायेगे। लोगों ने कहा कि अगर उनके यंहा पर तोड-फोड होती है तो वो इस मामले को लेकर आगे जायेगे। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से यंहा पर सर्वे भी करा लिया गया है और जंहा उनके मकान है वो वहीं रहेंगे।

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