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फरीदाबाद 14 अगस्त विभिन्न मांगों के समर्थन में आशा वर्करों की हड़ताल आज क्रमशः आठवें दिन भी जारी रही। सरकार की टालमटोल की नीति से खफा हुई बैठी आशा वर्करों ने जमकर बादशाह खान अस्पताल के प्रांगण में नारेबाजी की। उन्होंने आशा वर्करों को सर
कारी कर्मचारी का दर्जा देने,एवम् सभी प्रकार की प्रोत्साहन राशियों का भुगतान करो के नारे लगा रहे थे। आज शुक्रवार को हुई हड़ताली आशा वर्करों की सभा की अध्यक्षता जिला प्रधान हेमलता ने की जबकि संचालन जिला सचिव सुधा पाल ने किया । इस अवसर पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर और जिला सचिव लालबाबू शर्मा एवं जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डगवाल विशेष रुप से उपस्थित रहे। आशाओं को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सिंह डगवाल ने राज्य सरकार पर आशा वर्करों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद अचानक घोषित लॉकडाउन की वजह से आशा वर्करों को इस अवधि में मिलने वाली धन राशियों का अभी तक वितरण नहीं किया गया है। जबकि इस श्रेणी के कर्मचारियों ने रात दिन एक कर काम किया है और स्वास्थ्य विभाग को पूरे समुदाय विशेष की रिपोर्ट लाकर समय-समय पर देती रही हैं लेकिन हैरानी की बात है कि इन्हें नियमित वेतनमान नहीं दिया जाता है। और न ही केंद्र सरकार के द्वारा घोषित राशियों का भुगतान किया जाता है। इनके साथ दोहरे मानदंड अपनाए जाते हैं। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी और कर्मचारी अलग प्रकार से सुविधाएं प्राप्त करता है। जबकि आशा वर्करों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाती है। और काम सबसे अधिक इनसे लिया जाता है । सरकार की इस दोहरी मार की वजह से आशा वर्करों में भारी नाराजगी व्याप्त है। सभी हड़ताली कर्मचारियों ने एक सुर में निर्णय लिया है। जब तक उनकी लंबित मांगों को लागू नहीं किया जाता है। तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। डगवाल ने बताया कि आशा वर्करों को सर्वे के दौरान स्वयं की रक्षा के लिए मिलने वाली पीपीई किट, सैनिटाइजर, दस्ताने और मास्क तक नहीं दिए जाते हैं। जबकि सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मचारियों के लिए जीवन रक्षक उपकरणों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है। लेकिन अधिकारी जानबूझकर इन्हें इन संसाधनों से वंचित रखते हैं। आज के धरने को नीलम जोशी पूजा गुप्ता सुशीला शर्मा कामेश्वर ठाकुर ने भी संबोधित किया
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