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फरीदाबाद, 13 जुलाई। राजीव गांधी स्टडी सर्कल फरीदाबाद के जिला छात्र सचिव आनंद राजपूत एंव उपजिला छात्र सचिव रितिक खटाना के नेतृत्व में आज फरीदाबाद एसडीएम अमित कुमार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया कि मानव रचना बी डी एस मेडिकल के छात्रों की परीक्षाएं जो 11 अगस्त से शुरू होनी है उनको स्थगित करने की मांग की।
उन्होंने बताया कि एक तरफ जहां पूरा देश और विश्व कोरोना से जूझ रहा है, देश मे कोरोना प्रभावितों की संख्या 7 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं हरियाणा के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीआईजीएमएस रोहतक ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए बीडीएस परीक्षा 11 अगस्त से शुरू करने का नोटिस जारी किया है।
ज्ञात हो के कोरोना के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फिर से लॉक डाउन लगाया गया है तथा रेलवे सेवा 12 अगस्त तक के लिए बंद है। ऐसे में जो दूर दराज के छात्र हैं जो कोरोना आपदा में अपने राज्यों में रुके हैं, उनके लिए परीक्षा में सम्मिलित होना असम्भव होगा। लेकिन विश्वविध्यालय प्रशासन छात्रों के इन समस्याओं ताक पर रखकर, कोरोना आपदा में सरकारी गाइड लाइन को धत्ता बताकर मनमर्जी पर उतारू है, जिससे हजारों छात्र मानसिक तनाव में हैं कि छात्र अपने जान को जोखिम में डालकर इस आपदा काल में हजारों किलोमीटर का सफर नहीं कर सकते। छात्रों के जान को जोखिम में डालने वाले फरमान के खिलाफ सरकार को संभवत: संज्ञान लेते हुए उचित करवाई करनी चाहिए। उन्होंने मांग कि छात्रों को फीस में रियात होनी चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया कि मानव रचना बी डी एस मेडिकल के छात्रों की परीक्षाएं जो 11 अगस्त से शुरू होनी है उनको स्थगित करने की मांग की।
उन्होंने बताया कि एक तरफ जहां पूरा देश और विश्व कोरोना से जूझ रहा है, देश मे कोरोना प्रभावितों की संख्या 7 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं हरियाणा के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीआईजीएमएस रोहतक ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए बीडीएस परीक्षा 11 अगस्त से शुरू करने का नोटिस जारी किया है।
ज्ञात हो के कोरोना के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फिर से लॉक डाउन लगाया गया है तथा रेलवे सेवा 12 अगस्त तक के लिए बंद है। ऐसे में जो दूर दराज के छात्र हैं जो कोरोना आपदा में अपने राज्यों में रुके हैं, उनके लिए परीक्षा में सम्मिलित होना असम्भव होगा। लेकिन विश्वविध्यालय प्रशासन छात्रों के इन समस्याओं ताक पर रखकर, कोरोना आपदा में सरकारी गाइड लाइन को धत्ता बताकर मनमर्जी पर उतारू है, जिससे हजारों छात्र मानसिक तनाव में हैं कि छात्र अपने जान को जोखिम में डालकर इस आपदा काल में हजारों किलोमीटर का सफर नहीं कर सकते। छात्रों के जान को जोखिम में डालने वाले फरमान के खिलाफ सरकार को संभवत: संज्ञान लेते हुए उचित करवाई करनी चाहिए। उन्होंने मांग कि छात्रों को फीस में रियात होनी चाहिए।
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