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आईआईआरएस इसरो ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय को बनाया अपना नोडल सेंटर

Posted by : pramod goyal on : Sunday 26 July 2020 0 comments
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फरीदाबाद, 26 जुलाई - जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस), इसरो देहरादून ने अपने नेटवर्क संस्थान के रूप में ऑनलाइन आउटरीच कार्यक्रमों के लिए नोडल सेंटर बनाया
है। अब विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को आईआईआरएस इसरो के ऑनलाइन आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को जानने और सीखने का अवसर मिलेगा। 
विश्वविद्यालय ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा संबंधित अनुप्रयोगों के क्षेत्र में अकादमिक और उपयोगकर्ता दोनों पक्षों को मजबूती बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन आउटरीच कार्यक्रमों के लिए आईआईआरएस इसरो के साथ एक समझौता किया है। विश्वविद्यालय द्वारा कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग से डॉ. नीलम दूहन को इस नोडल सेंटर का कोर्डिनेटर नियुक्त किया गया है, जोकि विश्वविद्यालय में डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों की नोडल अधिकारी के रूप में पहले से कार्य कर रही हैं। इस आउटरीच कार्यक्रम के तहत, विश्वविद्यालय ने हाल ही में आईआईआरएस द्वारा संचालित ‘सैटेलाइट फोटोग्राममेट्री और इसके अनुप्रयोग’ और ‘पारिस्थितिक अध्ययन में भू-विज्ञान के अनुप्रयोग’ पर दो सप्ताह के पाठ्यक्रमों में हिस्सा लिया था। इन पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय तथा विभिन्न राज्यों के अन्य संस्थानों से 55 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया था तथा पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया।
कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति के बावजूद अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की भागीदारी की सराहना करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि आईआईआरएस इसरो के सभी पाठ्यक्रम उच्च ग्रेड के हैं, जोकि आईआईआरएस इसरो के वैज्ञानिकों और कुशल शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़े पाठ्यक्रमों तथा कौशल की रोजगाार के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी मांग है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन मोड में इन पाठ्यक्रमों से जुड़ने के लिए अब विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के विद्यार्थी और शिक्षक जे.सी. बोस विश्वविद्यालय को अपना नोडल केंद्र चुन सकते है और पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकरण करवाकर इसका लाभ उठा सकते हैं।

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