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जयपुर: राजस्थान के सियासी संग्राम (Rajasthan Crisis) में हाईकोर्ट में आज सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 24 जु
लाई को फैसला सुनाने का निर्णय लिया है. तब तक विधानसभा स्पीकर सचिन पाय़लट (Sachi Pilot) व अन्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे. बता दें कि सचिन पायलट खेमे की तरफ से विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पिछले हफ्ते शुक्रवार को मामले पर सुनवाई शुरू हुई थी, आज सभी पक्षों द्वारा दलीलें रखी गईं. वहीं इससे पहले अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट मामले की सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की पैरवी कर रहे मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर ने 'बेतहाशा जल्दबाज़ी' दिखाई और नोटिस जारी करते वक्त कोई कारण भी नही दिया. मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया, "महामारी के बीच नोटिस का जवाब देने के लिए विधायकों को सिर्फ तीन दिन का वक्त दिया गया. इन तथ्यों को पढ़ने के बाद इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता है कि फैसला (विधायकों को निलंबित करने का) पहले ही तय कर लिए गए निष्कर्ष का नतीजा था."
लाई को फैसला सुनाने का निर्णय लिया है. तब तक विधानसभा स्पीकर सचिन पाय़लट (Sachi Pilot) व अन्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे. बता दें कि सचिन पायलट खेमे की तरफ से विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पिछले हफ्ते शुक्रवार को मामले पर सुनवाई शुरू हुई थी, आज सभी पक्षों द्वारा दलीलें रखी गईं. वहीं इससे पहले अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट मामले की सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की पैरवी कर रहे मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर ने 'बेतहाशा जल्दबाज़ी' दिखाई और नोटिस जारी करते वक्त कोई कारण भी नही दिया. मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया, "महामारी के बीच नोटिस का जवाब देने के लिए विधायकों को सिर्फ तीन दिन का वक्त दिया गया. इन तथ्यों को पढ़ने के बाद इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता है कि फैसला (विधायकों को निलंबित करने का) पहले ही तय कर लिए गए निष्कर्ष का नतीजा था."
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