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फरीदाबाद।
आल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आइपा) ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर हरियाणा अभिभावक एकता मंच के डरो मत- डराओ, स्कूलों का सीएजी ऑडिट कराओ अभियान का समर्थन किया है ।आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा हर साल बढ़ाई जा रही फीस और उनके द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने का स्थाई इलाज इनका सीएजी ऑडिट कराना है । उन्होंने कहा कि स्कूल वाले कहते हैं हम घाटे में हैं, पेरेंट्स व सबूत कहते हैं कि वे फायदे में हैं। कौन सच्चा है, कौन झूठा इसका पता लगाने के लिए सीएजी ऑडिट बहुत जरूरी है। दिल्ली में भी ऐसा किया गया था जिसका परिणाम यह निकला कि ऑडिट के बाद सभी स्कूलों के पास करोड़ों के रूप में सरप्लस व रिजर्व फंड मिला और यह भी पता चला कि स्कूलों ने कमाई का अधिकांश पैसा अपने अन्य बिजनेस में, अन्य जगह डायवर्ट व ट्रांसफर किया है और सभी नियमों का उल्लंघन करके शिक्षा का व्यवसायीकरण किया है। इतना ही नहीं लाभ वाले स्कूलों से अभिभावकों को 5 साल में ली गई फीस को मय ब्याज के अभिभावकों को वापस कराया गया था। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व सचिव मनोज शर्मा ने कहा है कि ऐसा हरियाणा में भी हो सकता है इसके लिए सभी अभिभावकों को एकजुट और जागरूक होकर आवाज उठानी होगी। मंच ने सभी अभिभावकों से कहा है कि वे इस अभियान का अधिक से अधिक समर्थन करें और इस विषय पर मंच द्वारा मुख्यमंत्री को ट्वीट के माध्यम से भेजे गए पत्र को आगे रिट्वीट करके अपना वोट दें। कैलाश शर्मा ने बताया कि 15 दिन पहले शुरू किए गए इस अभियान को अब तक फरीदाबाद सहित गुरुग्राम, करनाल, अंबाला पानीपत, पंचकूला व अन्य जिलों के 300 से ज्यादा पेरेंट्स ने रीट्वीट करके अपना समर्थन दिया है और 9000 से ज्यादा पेरेंट्स और जागरूक नागरिकों को इंप्रेस किया है उन पर छाप छोड़ी है। मंच ने कहा है कि 30 जून तक मुख्यमंत्री महोदय ने अगर इस अभियान के तहत स्कूलों का सीएजी ऑडिट कराने के आदेश नहीं दिए तो मंच इस विषय को लेकर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके इस पर हरियाणा सरकार से कार्रवाई कराने के लिए अपील करेगा।
आल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आइपा) ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर हरियाणा अभिभावक एकता मंच के डरो मत- डराओ, स्कूलों का सीएजी ऑडिट कराओ अभियान का समर्थन किया है ।आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा हर साल बढ़ाई जा रही फीस और उनके द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने का स्थाई इलाज इनका सीएजी ऑडिट कराना है । उन्होंने कहा कि स्कूल वाले कहते हैं हम घाटे में हैं, पेरेंट्स व सबूत कहते हैं कि वे फायदे में हैं। कौन सच्चा है, कौन झूठा इसका पता लगाने के लिए सीएजी ऑडिट बहुत जरूरी है। दिल्ली में भी ऐसा किया गया था जिसका परिणाम यह निकला कि ऑडिट के बाद सभी स्कूलों के पास करोड़ों के रूप में सरप्लस व रिजर्व फंड मिला और यह भी पता चला कि स्कूलों ने कमाई का अधिकांश पैसा अपने अन्य बिजनेस में, अन्य जगह डायवर्ट व ट्रांसफर किया है और सभी नियमों का उल्लंघन करके शिक्षा का व्यवसायीकरण किया है। इतना ही नहीं लाभ वाले स्कूलों से अभिभावकों को 5 साल में ली गई फीस को मय ब्याज के अभिभावकों को वापस कराया गया था। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व सचिव मनोज शर्मा ने कहा है कि ऐसा हरियाणा में भी हो सकता है इसके लिए सभी अभिभावकों को एकजुट और जागरूक होकर आवाज उठानी होगी। मंच ने सभी अभिभावकों से कहा है कि वे इस अभियान का अधिक से अधिक समर्थन करें और इस विषय पर मंच द्वारा मुख्यमंत्री को ट्वीट के माध्यम से भेजे गए पत्र को आगे रिट्वीट करके अपना वोट दें। कैलाश शर्मा ने बताया कि 15 दिन पहले शुरू किए गए इस अभियान को अब तक फरीदाबाद सहित गुरुग्राम, करनाल, अंबाला पानीपत, पंचकूला व अन्य जिलों के 300 से ज्यादा पेरेंट्स ने रीट्वीट करके अपना समर्थन दिया है और 9000 से ज्यादा पेरेंट्स और जागरूक नागरिकों को इंप्रेस किया है उन पर छाप छोड़ी है। मंच ने कहा है कि 30 जून तक मुख्यमंत्री महोदय ने अगर इस अभियान के तहत स्कूलों का सीएजी ऑडिट कराने के आदेश नहीं दिए तो मंच इस विषय को लेकर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके इस पर हरियाणा सरकार से कार्रवाई कराने के लिए अपील करेगा।
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