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वन मजदूर यूनियन ने डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर के कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Thursday 25 June 2020 0 comments
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फरीदाबाद 25 जून काम से बाहर निकाले गए मजदूरों को काम पर लगाने की मांग को लेकर आज बृहस्पतिवार को वन मजदूर यूनियन
ने डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर के कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके फौरन बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम  सात  सूत्री मांगों का ज्ञापन  वन  जिला अधिकारी फरीदाबाद को सौंपा गया। ज्ञापन सौंपते हुए जिला प्रधान ब्रहम सिंह चंदेला ने कहा कि यदि 30 जून तक मांगों का समाधान नहीं हुआ तो 1 जुलाई से डीएफओ के कार्यालय के सामने बेमियादी आंदोलन आरंभ कर दिया जाएगा। गुस्साए  श्रमिकों ने    हटाया जाए मजदूरों  को  काम  दो ,   रोज की छट नी  बंद  रोक के नारे  लगा रहे थे।  प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिला प्रधान ब्रहम सिंह चंदेला ने किया। इस मौके पर  सीटू के जिला  उपाध्यक्ष  वीरेंद्र सिंह डंगवाल एवम् वन मजदूर कर्मचारियों के राज्य  उपप्रधान आजाद सिंह, कर्मचारी नेता धर्मवीर वैष्णव विशेस रूप से उपस्थित थे। यह प्रदर्शन    सेक्टर 17  के कार्यालय में आयोजित किया गया।  यूनियन की मुख्य मांगों में पुराने मजदूरों को काम पर वापस लेना, ईएसआई और पी एफ  के खाते खोलकर मजदूरों की काटी गई राशि उसमें जमा करना, सभी मजदूरों को पहचान पत्र प्रदान करना, सभी मजदूरों की हाजिरी लगाकर जॉब कार्ड देना, सभी मजदूरों को श्रम विभाग द्वारा घोषित ₹347 की मजदूरी का भुगतान करना, इसके साथ साथ विभाग  के द्वारा जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ठेकेदारी का लाइसेंस दिए गए हैं उनको रद्द करना, वन विभाग की कॉलोनी में अवैध रूप से कब्जा कर रहे ठेकेदारों से मकानों को खाली करना इत्यादि हैं। जिला प्रधान ने कहा कि  ठेकेदार के बदलने के बावजूद भी पुराने कर्मचारियों को ही कार्य पर रखना अनिवार्य होता है। इस बाबत  श्रम विभाग ने पत्र भी जारी कर रखे हैं। लेकिन इन पत्रों की वन विभाग के कर्मचारी  वन विभाग के अधिकारी को नहीं दिखाते हैं इसके फल स्वरूप सरकारी आदेशों की पालना नहीं होती है। इसका खामियाजा मजदूरों को भूत ना पड़ता है। उन्होंने  बताया कि ठेकेदार जानबूझकर पुराने लोगों को काम पर नहीं लगाते है।ताकि उनको सामाजिक सुरक्षा की गारंटी और पूरा वेतन नहीं देना पड़े।  जबकि  मुख्य बन पाल हरियाणा मुख्यालय पंचकूला ने विभाग में ठेकेदारी के कार्यों को पूरा करने के लिए विशेष मानदंड निर्धारित कर रखे हैं। लेकिन अधिकारी इनकी परिपालना नहीं करते है। जिसकी वजह से ठेकेदार अपनी मनमर्जी चलाते हैं। और मजदूरों के हितों की अनदेखी होते रहती है। सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि जो श्रमिक अपनी सेवाओं को रेगुलर करवाने के लिए न्यायालय में जाता  हैं। उनके लिए कोर्ट के द्वारा ऐसे आदेश नहीं दिए गए की अदालत में जाने वाले मजदूरों को विभाग में काम पर नहीं लिया जाएगा।इसके बावजूद भी  अधिकारियों के द्वारा कोर्ट में जाने  का बहाना बनाया जाता है अधिकारियों की इस दोहरी कार्यप्रणाली के तहत मजदूरों को काम नहीं मिलता है। प्रदर्शन को  किशन गुप्ता, अमर कौर, और दलीप ने भी संबोधित किया।

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