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फरीदाबाद, 23 मई। उपायुक्त यशपाल ने कहा कि क्वालिटी काउंसिल आॅफ इंडिया की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार फरीदाबाद जिला प्रवासी मजदूरों की शिकायतों का निवारण करने में देश में प्रथम स्थान पर आया है। क्यूसीआई की ओर से इसकी रिपोर्ट पीएमओ को भेजी गई है।
उपायुक्त ने यह जानकारी आज जिला संकट समन्वय समिति की बैठक में कोविड-19 से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा करने के दौरान दी। उन्होंने बताया कि क्यूसीआई थर्ड पार्टी सर्वे में एक बड़ा संगठन है, जिसने देश के 20 बड़े शहरों में यह सर्वे 30 मार्च से 14 मई तक शिकायतों के निवारण के आधार पर किया गया था। उपायुक्त ने बताया कि प्रवासी लोगों की शिकायतों का निवारण करने में जिला प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक टीम के रूप में कार्य किया तथा पूरे शहर के सभी क्षेत्रों में अधिक से अधिक संख्या तक पहुंच संभव की गई तथा उन्हें आवश्यक मदद पहुंचाई गई। इसमें तकनीक के इस्तेमाल के कारण भी बहुत लोगों तक मदद पहुंचाना संभव हो पाया।
उपायुक्त ने कहा कि पहले अलग-अलग कार्य के हिसाब से कई स्ट्रक्चर तैयार किए गए थे, लेकिन अब इन्हें मर्ज कर एक स्ट्रक्चर के रूप में इक्ट्ठा किया गया है, जिसके लिए जिला में पांच तरह की कमेटियां बनाई गई है। सबसे नीचे ग्राउंड लेवल पर लोकल कमेटी काम करेगी, जिसके एक सदस्य के पास केवल 10 घरों तक की जिम्मेवारी होगी। इनमें एएनएम, आशा वर्कर, बीएलओ सहित अन्य कर्मचारी व वालिंटियर सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। वह सभी सूचनाएं व एसओपी ग्राउंड स्तर पर लागू करवाने तथा इसकी रिपोर्ट चैन के रूप भेजना सुनिश्चित करेगा। इसके लिए सभी कमेटियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि ये कमेटियां बेहतरी से कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण पर रोक के लिए आईईसी (सूचना, शिक्षा, संवाद) गतिविधियां बहुत जरूरी है। इसलिए आईईसी गतिविधियों के लिए पंपलेट तैयार कर लोगों को दिए जाएं, ताकि वे जागरूक रहें। इन लोकल कमेटियों के लिए 31 मई तक एरिया चिन्हित कर दें।
उपायुक्त ने यह जानकारी आज जिला संकट समन्वय समिति की बैठक में कोविड-19 से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा करने के दौरान दी। उन्होंने बताया कि क्यूसीआई थर्ड पार्टी सर्वे में एक बड़ा संगठन है, जिसने देश के 20 बड़े शहरों में यह सर्वे 30 मार्च से 14 मई तक शिकायतों के निवारण के आधार पर किया गया था। उपायुक्त ने बताया कि प्रवासी लोगों की शिकायतों का निवारण करने में जिला प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक टीम के रूप में कार्य किया तथा पूरे शहर के सभी क्षेत्रों में अधिक से अधिक संख्या तक पहुंच संभव की गई तथा उन्हें आवश्यक मदद पहुंचाई गई। इसमें तकनीक के इस्तेमाल के कारण भी बहुत लोगों तक मदद पहुंचाना संभव हो पाया।
उपायुक्त ने कहा कि पहले अलग-अलग कार्य के हिसाब से कई स्ट्रक्चर तैयार किए गए थे, लेकिन अब इन्हें मर्ज कर एक स्ट्रक्चर के रूप में इक्ट्ठा किया गया है, जिसके लिए जिला में पांच तरह की कमेटियां बनाई गई है। सबसे नीचे ग्राउंड लेवल पर लोकल कमेटी काम करेगी, जिसके एक सदस्य के पास केवल 10 घरों तक की जिम्मेवारी होगी। इनमें एएनएम, आशा वर्कर, बीएलओ सहित अन्य कर्मचारी व वालिंटियर सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। वह सभी सूचनाएं व एसओपी ग्राउंड स्तर पर लागू करवाने तथा इसकी रिपोर्ट चैन के रूप भेजना सुनिश्चित करेगा। इसके लिए सभी कमेटियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि ये कमेटियां बेहतरी से कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण पर रोक के लिए आईईसी (सूचना, शिक्षा, संवाद) गतिविधियां बहुत जरूरी है। इसलिए आईईसी गतिविधियों के लिए पंपलेट तैयार कर लोगों को दिए जाएं, ताकि वे जागरूक रहें। इन लोकल कमेटियों के लिए 31 मई तक एरिया चिन्हित कर दें।
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