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चंडीगढ़। प्रदेशभर के कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब वेतन तब जारी किया जाएगा, जब उनकी हाजिरी पूरी तरह से बराबर लगी होगी। यदि कॉलेजों में शिक्षक कम आया होगा, तो उसी के अनुसार उनकी सेलरी भी बनाई जाएगी।
इन आदेशों के आते ही अब टीचर्स एसोसिएशन भी इसे लेकर नाराजगी जता रही है कि बिना सुविधा दिए इस तरह के आदेशों को जारी नहीं करना चाहिए था। इसके लिए एसोसिएशन ने दूर-दराज के गांवों में नेटवर्किंग की दिक्कत होने और बिजली सप्लाई को बाधा बताया है। खैर, अभी कॉलेजों में बायोमीट्रिक से हाजिरी तो लग ही रही है, लेकिन इसका अभी तक सेलरी से कोई तालमेल नहीं था।
अभी तक प्रिंसीपल की ओर से बिल बनाकर सेलरी दिलवा दी जाती थी, लेकिन अब अचानक से इसे सेलरी से जोड़ते ही एसोसिएशन के सामने नया विवाद खड़ा हो गया है। इसके लिए मंगलवार को उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से नए आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में 97 एडिड कालेज और 157 सरकारी कालेज हैं। इस पर उच्चतर शिक्षा विभाग महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी का कहना है कि कई कॉलेजों में अभी व्यवस्था नहीं है तो वहां पर व्यवस्था बना ली जाए, इसके लिए शुरुआती चरण में हेडक्वार्टर को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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