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चंडीगढ़। कोरोना वायरस की महामारी में संक्रमण की संभावनाओं और जेलों में कैदियों के दबाव को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जेल प्रशासन ने अहम फैसले लिए हैं। इसके अंतर्गत कैदियों और बंदियों को फरलो और पैरोल का प्रावधान किया गया है।
गौरतलब है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 23 मार्च को एक निर्देश जारी किया था। इसके बाद बैठक कर फैसला लिया गया कि जो कैदी पहले से ही पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर है उनकी चार सप्ताह की विशेष पैरोल बढ़ाई जाएगी। बिजली एवं जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जिन कैदियों ने एक पैरोल या एक फरलो शांतिपूर्ण व्यतीत करके समय पर जेल में वापसी की थी उन्हें भी छह सप्ताह की विशेष पैरोल दी जाएगी। साथ ही जिन कैदियों की आयु 65 वर्ष से अधिक है, एक से अधिक केसों में संलिप्त नहीं है और अधिक मात्रा में मादक पदार्थ के केस या धारा 379 बी, पोस्को एक्ट, बलात्कार, एसिड अटैक जैसे मामले में सजायाफ्ता नहीं है, उन्हें भी अच्छे आचरण के आधार पर छह सप्ताह की विशेष पैरोल दी जाएगी। लेकिन इसमें विदेशी कैदियों को शामिल नहीं किया गया है।
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