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चंडीगढ़।
अलग हाई कोर्ट लिए राज्य सरकार दो साल बाद फिर से सक्रिय हो गई है। मिनिस्टरी ऑफ लॉ एंड जस्टिस को फिर से चिट्ठी लिखकर अलग हाई कोर्ट बनाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही सीएम मनोहर लाल ने भी अधिकारियों के साथ मंत्रणा की है। विधानसभा की आश्वासन कमेटी ने भी गृह विभाग से प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी तो जवाब दिया कि 13 जनवरी 2020 को ही लाॅ एंड जस्टिस डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को एसीएस होम की ओर से चिट्ठी लिखी गई है। इससे पहले अलग हाई कोर्ट को लेकर ओपी चौटाला सरकार में 14 मार्च 2002, हुड्डा सरकार में 15 दिसंबर 2005 व भाजपा सरकार ने 4 मई 2017 को विधानसभा में हरियाणा हाई कोर्ट बनाने का प्रस्ताव पास किया। फिर 7 मार्च 2018 को लॉ एंड जस्टिस डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी सुरेश चंद्र को चिट्ठी लिखी गई। अब सरकार ने रिमाइंडर लेटर भेजा है। विधानसभा की अाश्वासन कमेटी के सदस्य लक्ष्मण यादव ने भी पुष्टि की है।
तत्कालीन एसीएस एसएस प्रसाद की ओर से 2018 में भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि पंजाब और हरियाणा का अलग हाई कोर्ट बनने पर चंडीगढ़ के केसों के लिए दिल्ली हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच या फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की जॉइंट बेंच बनाई जा सकती है। यह भी लिखा गया है कि हरियाणा के बाद बने झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के अलग हाई कोर्ट हैं।
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