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फरीदाबाद- 19 जनवरी। देश सबसे पहले है। मर्यादित एवं तथ्यों पर आधारित विचार रखने चाहिए। गलत विचारों को फैलने से रोकने के लिए सही जवाब देना जरूरी है। अपनी संस्कृति, गौरवशाली इतिहास के बारे में समय समय पर सोशल साईट पर जानकारी दें। तभी सोशल मीडिया के माध्यम से हमारी संस्कृति का प्रचार प्रसार देशहित में होगा। भारतीय इतिहास में ब
हुत गौरवशाली व्यक्तित्व रहे हैं जिनके बारे में हम अब भी अनजान हैं। देश को सही दिशा और सच्चे देशभक्तों के बारे में ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करने की जरूरत है। सकारात्मक सोच के साथ ट्विटर, इंस्टाग्राम एवं अन्य सोशल साईट पर सांझा करें। वर्तमान में मोबाइल सूचना क्रांति का मूल यंत्र है जो किसी भी जानकारी को कम से कम समय में पहुंचाने का कार्य करता है। उपरोक्त विचार मेजर सुरेंद्र पुनिया ने व्यक्त किए।
हुत गौरवशाली व्यक्तित्व रहे हैं जिनके बारे में हम अब भी अनजान हैं। देश को सही दिशा और सच्चे देशभक्तों के बारे में ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करने की जरूरत है। सकारात्मक सोच के साथ ट्विटर, इंस्टाग्राम एवं अन्य सोशल साईट पर सांझा करें। वर्तमान में मोबाइल सूचना क्रांति का मूल यंत्र है जो किसी भी जानकारी को कम से कम समय में पहुंचाने का कार्य करता है। उपरोक्त विचार मेजर सुरेंद्र पुनिया ने व्यक्त किए।
विश्व संवाद केंद्र हरियाणा तथा जे सी बोस यूनिवर्सिटी के संचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा सोशल मीडिया कॉन्क्लेव-2020 का आयोजन जे सी बोस यूनिवर्सिटी वाईइमसीए फरीदाबाद के सभागार में किया गया। जिसमें मुख्यवक्ता मेजर सुरेंद्र पूनिया, मोनिका वर्मा, सुशांत शरीन ने सोशल मीडिया को दैनिक जीवन में सही उपयोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
दक्षिण एशिया मामलों के विषेशज्ञ सुशांत शरीन ने अपने संबोधन में कहा कि हमें सही भाषा का इस्तेमाल करते हुए तथ्यपरख जानकारी को सोशल मीडिया पर सांझा करना चाहिए और वर्तमान के परिपेक्ष्य में अपने संवाद स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए। सोशल मीडिया वर्त्तमान में सूचनाक्रांति का ब्रह्मस्त्र है। अंतराष्ट्रीय मामलों की जानकर एवं शोधकर्ता मोनिका वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वालों को प्रश्न करना, अध्ययन करना, इतिहास के बारे में जानकारी रखते हुए तथ्य निर्माण कर अपने समाज तथा देशहित को सोशल मीडिया पर प्रचारित एवं प्रसारित करें। उन्होंने सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान के बारे में विचार व्यक्त किए।
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