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फरीदाबाद, 10 जनवरी - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने अनुसंधान को बढ़ावा देने, संयुक्त शोध परियोजनाओं तथा शैक्षणिक आदान प्रदान को बढ़ावा देने के लिए मजांदारन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), बाबुल, ईरान के साथ समझौता किया हैं।
समझौते पर जे.सी. बोस विश्वविद्याल
य की ओर से डीन (अकादमिक) प्रो. विक्रम सिंह और उप कुलपति (अनुसंधान) प्रो. घासेम नजफपुर द्वारा कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर दिल्ली टेक्नोलाॅजिकल युनिवर्सिटी से डाॅ. नवीन कुमार, निदेशक, इंटरनेशन अफेयर्स डाॅ. शिल्पा सेठी तथा उप निदेशक, इंटरनेशन अफेयर्स डाॅ. राजीव साहा भी उपस्थित थे।
यह अकादमिक समझौता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 8वीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2020) के दौरान आपसी हित के क्षेत्रों परस्पर सहयोग को लेकर हुई विस्तृत चर्चा के उपरांत किया गया।
समझौते के अनुसार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में काम कर रहे दोनों विश्वविद्यालयों ने अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के विकास और विस्तार के लिए एक व्यवस्थित प्रणाली के अंतर्गत प्रयास करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई।
समझौते पर जे.सी. बोस विश्वविद्याल
य की ओर से डीन (अकादमिक) प्रो. विक्रम सिंह और उप कुलपति (अनुसंधान) प्रो. घासेम नजफपुर द्वारा कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर दिल्ली टेक्नोलाॅजिकल युनिवर्सिटी से डाॅ. नवीन कुमार, निदेशक, इंटरनेशन अफेयर्स डाॅ. शिल्पा सेठी तथा उप निदेशक, इंटरनेशन अफेयर्स डाॅ. राजीव साहा भी उपस्थित थे।
यह अकादमिक समझौता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 8वीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2020) के दौरान आपसी हित के क्षेत्रों परस्पर सहयोग को लेकर हुई विस्तृत चर्चा के उपरांत किया गया।
समझौते के अनुसार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में काम कर रहे दोनों विश्वविद्यालयों ने अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के विकास और विस्तार के लिए एक व्यवस्थित प्रणाली के अंतर्गत प्रयास करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई।
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