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फरीदाबाद,26 सितंबर। सरकार की वादाखिलाफी और जन सेवाओं के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी सभी विधानसभा क्षेत्रों में कर्मचारी सम्मेलन आयोजित करेंगे। यह निर्णय बृहस्पतिवार को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कार्यकारिणी की जिला प्रधान अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में लिया गया। कर्मचारी सम्मेलनों में भाजपा से
2014 में जारी धोषणा पत्र में किए वादों पर अमल न करने और कर्मचारियों की नीतिगत मांगों का समाधान न करने और जन सेवाओं के विभागों में जन एवं कर्मचारी विरोधी निजीकरण की नीतियों को तेजी से लागू करने का जबाव मांगा जाएगा। इसके अलावा सम्मेलनों में सभी विपक्षी दलों के प्रत्याशियों से कर्मचारियों की मांगों और जन सेवाओं के विभागों में लागू की जा रही निजीकरण की नीतियों पर अपने दल का रुख स्पष्ट करने की मांग की जाएगी। जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर द्वारा संचालित जिला कार्यकारिणी की मीटिंग में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री के अलावा विभागीय संगठनों और जिला एवं खंड कमेटियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
2014 में जारी धोषणा पत्र में किए वादों पर अमल न करने और कर्मचारियों की नीतिगत मांगों का समाधान न करने और जन सेवाओं के विभागों में जन एवं कर्मचारी विरोधी निजीकरण की नीतियों को तेजी से लागू करने का जबाव मांगा जाएगा। इसके अलावा सम्मेलनों में सभी विपक्षी दलों के प्रत्याशियों से कर्मचारियों की मांगों और जन सेवाओं के विभागों में लागू की जा रही निजीकरण की नीतियों पर अपने दल का रुख स्पष्ट करने की मांग की जाएगी। जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर द्वारा संचालित जिला कार्यकारिणी की मीटिंग में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री के अलावा विभागीय संगठनों और जिला एवं खंड कमेटियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक मंदी से निकलने के लिए आर्थिक नीतियों को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के कारण ही अमीर व गरीब के बीच का अंतर बढ रहा है। इन्ही नीतियों के कारण कारपोरेट सेक्टर को लाखों करोड़ रुपए की राहत दी जा रही है और जन कल्याणकारी योजनाओं के बजट में भारी कटौतियों की जा रही है। उन्होंने 21-22-23 सितंबर,2019 को कलर्क की परीक्षा के दौरान 7 नौजवानों की मृत्यु पर गहरा दुःख प्रकट किया और नौजवानों की मौत के लिए राज्य सरकार को पुरी तरह जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर प्रर्याप्त संख्या में सरकारी बसें होती तो 7 नौजवानों की जान को बचाया जा सकता था। सरकार योजनाबद्ध तरीके से रोड़वेज की परिवहन सेवा को बर्बाद करने करने पर आमादा है ताकि प्राईवेट परिवहन सेवा को स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि निजी बसों के मालिकों ने 600 रुपए तक की वसूली अभार्थियों से की की है। जिससे सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है।
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