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फरीदाबाद। केंन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया वाहन संसोधन विधेयक से आखिकर किसको और कितना लाभ मिलेगा। आज इस पर र्चचा करने का विषय है। इस अघियन के लागू होने से न तो सरकार को कोई लाभ है और न ही पुलिस विभाग को। इससके पूरे देश में भ्रष्ठाचार बढं रहा है। पुलिस कर्मी मोटे चालान का भय दिखाकर अपनी दहाडी बना रहे है। पहले चालान के नाम पर टै्रफिक पुलिस कर्मी जो केवल कुछ सैकड़ो रूपए ही मान जाते थे, अब वही मोटे चालान का भय दिखाकर हजारों की लूट कर रहे है। सरकार को पता है या नहीं कि जितने नियम कढें किये जायेगें उतना ही भ्रष्टाचार अधिक होगा। हाल ही में एक स्कूटी चालक का उसकी स्कृटी से अधिक किमत का चालान काट दिया गया। क्योंकि वह उसे भरने में नाकाम था, या फिर पुलिस कर्मियों से उसका सौदा नहीं कर पाया। निच्ले स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों को इतनी पावर देने से न तो सरकार के कोष में पैसा जायेगा और उपर से जनता को परेशानी उठानी पडेगी उपर से। सरकार ने इस नए नियम को लागू करने से न केवल भ्रष्टाचार को बढव दिया है, बल्कि उन वाहन चालकों को भी परेशानी में डाल दिया है, जो अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठाा से निर्वाह कर रहे है। रैली और दूसरे सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर बाइक सवार जिस तरह कानून का उलंघन करते है, क्या उन पर इस तरह नियम लागू होगें। यह विषय पुलिस प्रशासन व आम जनमानस के मन में कोंध रहा है।
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