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चंडीगढ़। दूसरे राज्यों में राशन कार्ड को लेकर आ रही परेशानी के चलते दिल्ली मानवाधिकार आयोग ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से दो भाषाओं में राशन कार्ड बनाने को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने याचिका पर सुनवाई के बाद कहा है कि देश के किसी भी राज्य से जारी होने वाले बीपीएल राशन कार्ड को दो भाषाओं में जारी किया जाना चाहिए। पहला उस राज्य की अपनी भाषा और दूसरी सरल भाषा (अंग्रेजी) होनी चाहिए ताकि किसी भी बीपीएल परिवार को अन्य शहरों (खासकर महानगरों) में निशुल्क उपचार के दौरान दिक्कत न हो।
दिल्ली मानवाधिकार आयोग ने भारत सरकार के केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव, सभी राज्यों के मुख्य सचिव व केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र जारी करके रिपोर्ट मांगी है। साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को दिल्ली के सभी कार्ड केंद्रों के अलावा केंद्र सरकार के अस्पतालों में बीपीएल कार्ड धारकों के लिए एक समर्पित काउंटर खोलने के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने बारे कहा है।
आयोग का फरमान मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। साथ ही उस पर सुझावों को लेकर भी चर्चा शुरू कर दी है ताकि जल्द ही अपनी रिपोर्ट आयोग के पास भेजी जा सके।
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