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प्रचार वाहनों की अनुमति रद्द करने को लेकर कांग्रेसी व प्रशासन हुए आमने-सामने

Posted by : pramod goyal on : Monday 29 July 2019 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद, 29 जुलाई। शहर में व्याप्त जनसमस्याओं की पोल खोलने एवं कांग्रेस पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए शुरु किए गए 6 प्रचार वाहनों को प्रशासन द्वारा पहले अनुमति देना और फिर उनकी अनुमति को रद्द करने का मामला तूल पकड़ गया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी व भाजपा सरकार आमने सामने आ गए है। कांग्रेस पार्टी ने प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय पूर्ण रुप से तानाशाही करार देते हुए जहां आंदोलन की घोषणा कर दी है वहीं इसके खिलाफ मानवाधिकार आयोग व कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं प्रवक्ता सुमित गौड़ के संयोजन में सोमवार को नीलम-बाटा रोड स्थित होटल डिलाईट में आयोजित पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता में मौजूद फरीदाबाद के जिला प्रभारी मोहम्मद बिलाल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पं. योगेश गौड़, ग्रीवेंस सैल के प्रदेश चेयरमैन डा. एस.एल. शर्मा, युवा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष नरेश गोदारा, कांग्रेसी नेता अनीशपाल, कांग्रेसी नेता जितेंद्र चंदेलिया, श्यामलाल, नरेंद्र करहाना, ओमपाल शर्मा, बिलाल खान, एडवोकेट गौतम नारायण सिंह आदि वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब चुप नहीं बैठेगी और इस तानाशाही निर्णय के विरोध में धरना प्रदर्शन से लेकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के कार्यालय का घेराव तक किया जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस प्रदेश सचिव सुमित गौड़ ने बताया कि शहर में जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों, पानी-बिजली की किल्लत व टूटी सडक़ों जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार को आईना दिखाने व कांग्रेस की नीतियों का प्रचार करने के लिए 23 जुलाई को 6 प्रचार वाहनों की अनुमति फरीदाबाद व बल्लभगढ़ के एसडीएम के अलावा सैंट्रल थाना, खेड़ीपुल, सेक्टर-7 व बल्लभगढ़ सहित ओल्ड  फरीदाबाद एसएचओ से परमिशन ली थी, उसके बावजूद दो दिन पहले उन्हें देर रात करीब साढ़े नौ बजे एसडीएम कार्यालय से फोन आया कि वह इन प्रचार वाहनों को बंद कर दें, जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो उन्हें एक थाना प्रभारी ने उन्हें व्हटअप पर एक लेटर भेजा, जिसमें लिखा हुआ था कि यह वाहन पार्टी का प्रचार न करके सरकार की आलोचना कर रहे है इसलिए आपकी अनुमति रद्द की जाती है। गौड़ ने कहा कि विपक्षी दल का कार्य सत्तापक्ष की कमियों को उजागर करना है और भाजपा सरकार के राज में लोग बद से बदत्तर हालत में जीवन यापन कर रहे है। उन्होंने कहा कि वह जनता की आवाज बनकर लोगों की समस्याओं के लिए संघर्ष कर रहे है, ऐसा उन्होंने 2013-14 में कांग्रेस सरकार के शासनकाल में भी किया था, उस दौरान कुछ अधिकारी बेलगाम हो गए थे, जिसके चलते उन्हें सबक सिखाने के लिए उन्हें ऐसा ही रास्ता अख्तियार करना पड़ा। लेकिन उस समय उन्हें किसी ने नहीं रोका। उन्होंने कहा कि अब प्रशासन उन्हें तरह-तरह की धमकियां देकर उनका मनोबल कम करने का काम कर रहा है परंतु उनका मनोबल कतई कम नहीं होगा और वह इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वाईस चेयरमैन से भी मुलाकात कर मदमस्त अधिकारियों को सबक सिखाने काम करेंगे। इसके अलावा ‘सरकार मस्त-जनता त्रस्त’ के स्लोगन वाले पोस्टरों को मेट्रो रेलवे स्टेशन, रेलवे स्टेशन व घर-घर पहुंचाकर लोगों को भाजपा की जनविरोधी नीतियों की हकीकत से जागरुक करेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के जिला प्रभारी मोहम्मद बिलाल एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पं. योगेश गौड़ ने भी प्रशासन के इस तानाशाही रवैये की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि सरकार आज विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रही है परंतु यह अधिकारी भूल रहे है कि सरकारें आनी जानी है, ऐसे में वह इस तरह का कृत्य करके अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे है। 

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