HEADLINES


More

मानव रचना में रतन लाल लाहोटी मैमोरियल लॉ लाइब्रेरी का जस्टिस आर.सी.लाहोटी ने किया उद्घाटन

Posted by : pramod goyal on : Sunday 6 August 2017 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//
मानव रचना यूनिवर्सिटी (एमआरयू) में श्री रतन लाल लाहोटी मैमोरियल लॉ लाइब्रेरी का उद्घाटन हुआ। पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया माननीय जस्टिस व मानव रचना फैकल्टी ऑफ लॉ के चेयरमैन श्री आर.सी.लाहोटी ने इस लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। इस मौके पर मानव रचना यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ लॉ के एडवाइजरी बोर्ड की पहली बैठक भी मानव रचना कैंपस में हुई। माननीय जस्टिस आर.सी.लाहोटी ने अपने पिता की याद में इस लाइब्रेरी को गोद लिया है औऱ इस लाइब्रेरी में अपने सेकड़ों किताबें भी स्टूडेंट्स के बेहतर भविष्य के लिए दी है। यह लाइब्रेरी लॉ के क्षेत्र की जानी मानी लाइब्रेरी साबित होगी, ऑफलाइन से लेकर ऑनलाइन हर तरह की सुविधाओं इस लाइब्रेरी में मौजूद है।
लाइब्रेरी का उद्घाटन करते हुए माननीय जस्टिस आर.सी.लाहोटी ने कहा कि मैं मानव रचना में कई कारणों से आया हूं। संस्थान अपने नाम की तरह मानव की रचना करने में जुटा है। इस सोच के पीछे के नाम डॉ. ओपी भल्ला को शत शत नमन की उन्होंने इस तरह की सोच के साथ संस्थान की स्थापना की, जो कि उनकी सोच के साथ क्वालिटी एजुकेशन व बेहतर इंसान तराशने में लगा हुआ है।
उन्होंने इस मौके पर स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए अलग-अलग किताबों के बारे में बताया और कहा कि लाइब्रेरी ही एक ऐसा स्थान है जहां नॉलेज का खजाना प्राप्त होता है। उन्होंने स्टूडेंट्स को कहा कि देश में डॉक्टर और वकील ही ऐसे प्रेफैशन हैं जो कि समाज के उत्थान व उसकी सेवा में अहम भूमिका निभाते हैं, ऐसे में लॉ स्टूडेंट्स को शुरू से ही इस भावना को लेकर चलना है ताकि वह एक बेहतर प्रफैशनल के रूप में तैयार हो सके। इस मौके पर उन्होंने अपने सफर के कुछ क्षण बताते हुआ बताया कि कैसे उनके पिता की मार्गदर्शन में वह यहां तक पहुंच पाएं हैं।
इस मौके पर उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि अकैडमिक, व्यवहार व एक्सट्रा करिकुलर के आधार पर स्टूडेंट ऑफ द इयर का चयन किया जाएगा, जिसको गोल्ड मेडल से नवाजा जाएगा।
उद्घाटन कार्य़क्रम के बाद बैठक में एडवाइजरी बोर्ड ने फैकल्टी ऑफ लॉ के लिए रोडमैप तैयार किया ताकि फैकल्टी अपने क्वालिटी एजुकेशन के उद्देश्य को प्राप्त कर सके।

No comments :

Leave a Reply